लंदन, 5 मई (एजेंसी)
भारत चीन के संबंध ‘मुश्किल दौर’ से गुजर रहे हैं। हालांकि, देश में कोविड-19 महामारी के दौरान रणनीतिक सामान की आवाजाही में ढील देने के संदर्भ में हाल ही में सकारात्मक चर्चा हुई है। यह बात विदेशमंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कही। यहां आयोजित ऑनलाइन सत्र में भारत-चीन संबंधों और हाल में चीनी विदेशमंत्री वांग यी के साथ हुई चर्चा को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘पिछली वार्ता काफी हद तक कोविड-19 महामारी पर केंद्रित थी। मंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियां चीन से ऑर्डर प्राप्त करने में मुश्किल का सामना कर रही हैं। ‘हमारी बातचीत के बाद चीजें आगे बढ़ी हैं। हमारी कुछ विमानन कंपनियों को तुरंत वहां जाने की अनुमति मिली। कड़ी बढ़ रही है जो बहुत प्रशंसनीय है।’
वृहद स्तर पर भारत-चीन संबंधों के बारे में मंत्री ने कहा कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन अब तक सीमा के इच्छित स्थान तक उनकी वापसी नहीं हुई है। ‘इस समय हमारे रिश्ते मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं, क्योंकि समझौतों का उल्लंघन हुआ है और चीन ने अपनी ओर से गत कई सालों में बिना किसी कारण के वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारी सैन्य तैनाती की है।’ जयशंकर ने कहा, ‘संघर्ष, जबरदस्ती, धमकी और खूनखराबा सीमा पर हो और फिर आप कहे कि दूसरे क्षेत्रों में अच्छे संबंध बनाए हैं। यह वास्तविक नहीं है। हम चर्चा कर रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में प्रगति की है और कुछ में अब भी चर्चा चल रही है।…लेकिन हम तनाव कम करने के स्तर पर नहीं पहुंचे है जो सैनिकों की वापसी के बाद ही आ सकती है।’
उल्लेखनीय है कि जयशंकर इस समय जी-7 समूह के विदेश एवं विकास मंत्रियों की बैठक में बतौर मेहमान मंत्री शामिल होने के लिए ब्रिटेन में हैं।