मेट्रो रेल को खोलने का केंद्र सरकार का निर्णय जोखिमों से भरा हुआ है। सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित प्रतिबंधों का पालन करना बहुत मुश्किल है क्योंकि मेट्रो स्टेशन पहले से ही भारी भीड़ से भरा हुआ स्थान होता है। यात्रियों द्वारा दूरी बनाना, मास्क लगाना जैसे नियमों की पालना करना बहुत मुश्किल काम होगा। बढ़ते कोरोना कहर के चलते फिलहाल सिनेमा, मनोरंजन पार्क, थियेटर, पार्टी हॉल, तरण-ताल आदि अभी बंद ही रहने दें तो ज्यादा बेहतर होगा।
नेहा, चंडीगढ़
गरीबों का हक
देश में बहुत से लोगों पर स्वार्थ और लालच इस हद तक हावी हो चुका है कि यह गरीबों और दूसरों के हक को भी हड़पने में जरा भी नहीं हिचकिचाते। समय-समय पर गरीबों की योजनाओं पर समृद्ध लोगों द्वारा कुंडली मारने की खबरें सामने आती रहती हैं। योजना का लाभ पात्र व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाता। केंद्र और राज्य सरकारों को चाहिए कि गरीबों को योजनाओं के मिलने वाले लाभ की समय-समय पर जांच भी पारदर्शिता से होनी चाहिए ताकि गरीबों की योजनाओं का लाभ समृद्ध लोग हड़प न सकें और सरकारों को आर्थिक चूना न लग सके।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
सार्थक पहल
रोजगार हेतु उम्मीदवारों को हर क्षेत्र के लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम पढ़ना पड़ता है और इन परीक्षाओं के केन्द्र भी अलग-अलग बनाये जाते हैं। इन सब समस्याओं से निदान दिलाने के लिए केन्द्र सरकार ने एकल परीक्षा प्रणाली को शुरू करने का फैसला लिया है जो सराहनीय है। इससे अभ्यर्थियों के मानसिक तनाव में कमी आयेगी। वहीं बार-बार के परीक्षा शुल्क से भी छुटकारा मिलेगा। सवाल यह है कि क्या इस प्रणाली से नौकरियों में पारदर्शिता आयेगी और क्या दलालों पर भी रोक लगेगी।
संदीप कुमार, चंडीगढ़
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