फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक से कृषि करना जरूरी है, क्योंकि इससे किसानों को ज्यादा फायदा हो सकता है। किसान फल, सब्जियों की पैदावार या इनकी संभाल करने के लिए भी जो रासायनिक खादों और अन्य कैमिकल का प्रयोग कर रहे हैं, वह भी शरीर के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है। जैविक खाद का प्रयोग बढ़े, इसके लिए सरकारों को किसानों के लिए विशेष योजनाओं की सौगात देनी होगी। किसानों को इस कार्य के लिए तकनीकी और आर्थिक सहायता देनी होगी। किसानों को पशु पालन के लिए जागरूक करना चाहिए ताकि किसान जैविक खाद तैयार कर सकें।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
किसानों की अनदेखी
किसानों के संयुक्त मंच को नई दिल्ली में तवज्जो नहीं मिली, क्योंकि कुछ नौकरशाहों को छोड़कर किसी भी केंद्रीय मंत्री को बात करने के लिए प्रतिनियुक्त नहीं किया गया था। फलत: किसानों के नेताओं को मीटिंग से बाहर निकलने के लिए बाध्य होना पड़ा। जाहिर है, अगर चीजें पंजाब में और कहीं और खराब होती हैं तो इसकी जिम्मेदारी भारत सरकार पर होगी। पंजाब पहले ही काले दिन देख चुका है और अभी भी उबर रहा है। आंदोलन को किसानों के हाथ से फिसलने की स्थिति न आने दें।
बृज बी. गोयल, लुधियाना
बेतुका बयान
धारा 370 को लेकर फारूक अब्दुल्ला का दिया बयान व्यथित करने वाला है। उनसे इस प्रकार के अनाड़ीपन वाले बयान की उम्मीद नहीं थी। अब उन्हें इस नई व्यवस्था में न केवल जीने की आदत डालनी होगी बल्कि अपनी राजनीतिक भूमिका की जमीन भी बनानी होगी। इस नये भारत में पाकिस्तान तथा चीन की कोई दाल नहीं गलने वाली है। फारूक अब्दुल्ला को अपनी देशभक्ति का परिचय देना चाहिए। ऐसे बयानों से अपना मजाक न उड़वाएं तो बेहतर होगा।
हेमा हरि उपाध्याय, उज्जैन, म.प्र.