दिल्ली विस्फोट : आत्मघाती उमर का साथी गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली विस्फोट मामले में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए ‘आत्मघाती हमलावर’ डॉ. उमर उन नबी के साथ आतंकी हमले की साजिश में कथित तौर पर शामिल कश्मीर के आमिर राशिद अली नामक शख्स को गिरफ्तार किया है। संघीय जांच एजेंसी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि विस्फोट में इस्तेमाल कार जम्मू-कश्मीर के पंपोर के संबूरा निवासी आमिर राशिद अली के नाम पर रजिस्टर्ड थी। वह कार की खरीद में मदद करने दिल्ली आया था, जिसका इस्तेमाल अंततः विस्फोट को अंजाम देने के लिए ‘वाहन-जनित आईईडी’ के रूप में किया गया। आमिर ने कार की खरीद के लिए कथित तौर पर अपना आधार कार्ड दिया था।
यह पहली बार है जब जांच एजेंसी ने डॉ. उमर उन नबी को ‘आत्मघाती हमलावर’ और कार के लिए ‘वाहन-जनित आईईडी’ शब्द का इस्तेमाल किया है। एनआईए ने फोरेंसिक जांच से कार चालक की पहचान उमर उन नबी के रूप में की है, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले का निवासी था और फरीदाबाद में स्थित अल फ्लाह विश्वविद्यालय में बतौर सहायक प्रोफेसर कार्य करता था। एजेंसी ने उमर का एक और वाहन भी जब्त कर लिया है।
एक साल से तैयार कर रहे थे सुसाइड बॉम्बर
डॉक्टरों के नेतृत्व वाला ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल पिछले साल से एक आत्मघाती हमलावर की तलाश में जुटा था। मुख्य साजिशकर्ता डॉ. उमर नबी इस एजेंडे को लगातार आगे बढ़ा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार सह-आरोपी से पूछताछ में पता चला है कि डॉ. उमर घोर कट्टरपंथी था और वह लगातार इस बात पर जोर देता था कि उनके अभियान की सफलता के लिए एक आत्मघाती हमलावर जरूरी है। अधिकारियों के मुताबिक, हिरासत में लिए गए एक शख्स ने बताया कि मॉड्यूल से जुड़े अन्य लोग उसे जैश-ए-मोहम्मद के लिए ‘ओवर-ग्राउंड वर्कर’ बनाना चाहते थे, लेकिन डॉ. उमर ने कई महीनों तक उसे बरगलाया, ताकि वह आत्मघाती हमलावर बन सके। इस साल अप्रैल में वह शख्स पीछे हट गया। अधिकारियों ने बताया कि डॉ. उमर 2021 में सह-आरोपी डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी के साथ तुर्किये की यात्रा के बाद कट्टरपंथी बनना शुरू हुआ, जहां दोनों कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के ओवर ग्राउंड वर्कर से मिले थे।
रोहतक की डाॅक्टर से जम्मू-कश्मीर में पूछताछ
रोहतक (निस) : दिल्ली विस्फोट को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने हरियाणा की एक महिला डॉक्टर को जम्मू-कश्मीर से हिरासत में लेकर पूछताछ की। रोहतक की जनता काॅलोनी निवासी यह डॉक्टर जम्मू-कश्मीर से एमडी कर रही है। जानकारी के अनुसार, पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया, लेकिन उसका मोबाइल फोन जांच के लिए जब्त कर लिया गया। इधर, उसके परिजनों ने कहा कि उनकी बेटी सिर्फ पढ़ाई के लिए जम्मू-कश्मीर गई है और आंतकवादियों से उनका दूर दूर तक कोई लेना-देना नहीं है।
मेवात से पकड़े चार संदिग्ध तीन दिन बाद रिहा
नूंह (निस) : दिल्ली विस्फोट के बाद मेवात से हिरासत में लिए गये सात लोगों में से चार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी और दिल्ली पुलिस ने तीन दिन की कड़ी पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। हालांकि, जांच का दायरा मेवात में और फैल गया है, जहां लावारिस मोबाइल फोन और सीसीटीवी फुटेज से नये सुराग मिले हैं। जानकारी के मुताबिक, हिरासत से छोड़े गये चार संदिग्धों में नूंह निवासी डॉक्टर रेहान, फिरोजपुर झिरका के अहमदबास का निवासी मोहम्मद, सुनहेड़ा का डॉ. मुस्तकीम और पिनंगवा का खाद विक्रेता दिनेश सिंगला उर्फ डब्बू शामिल है।
अत्यधिक रोशनी के कारण हुआ था थाने में धमाका!
श्रीनगर/नयी दिल्ली (एजेंसी) : नौगाम थाने में शुक्रवार देर रात हुए दुर्घटनावश विस्फोट की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि फॉरेंसिक टीम द्वारा अत्यधिक रोशनी के इस्तेमाल के कारण भीषण धमाका हुआ। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों का मानना है कि अंतिम कुछ पेटियों में तरल पदार्थ था, संभवतः एसिटोफेनोन, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और सल्फ्यूरिक एसिड का मिश्रण। तरल पदार्थ की बारीकी से जांच करने के लिए, प्रकाश व्यवस्था बढ़ा दी गई थी, जिसके कारण भीषण विस्फोट हुआ। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), एनआईए और केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की टीमों ने रविवार को नौगाम थाना स्थल का दौरा कर नमूने एकत्र किये।
