देहरादून, 12 अगस्त (एजेंसी) बॉडी बिल्डर और इंस्टाग्राम इंफ्लूएंसर बॉबी कटारिया का देहरादून-मसूरी मार्ग के बीचों-बीच कुर्सी डालकर शराब पीने का एक वीडियो वायरल होने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। हाल ही में कटारिया के इंस्टाग्राम पर अपलोड एक वीडियो में बैकग्राउंड में ‘रोड्स अपने बाप की’ के बोल वाला एक गाना भी बजता सुनाई दे रहा है। गौरतलब है कि कटारिया पहले से ही अपने एक पुराने वीडियो को लेकर विवाद में हैं, जिसमें वह स्पाइस जेट के एक विमान में धूम्रपान करते दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को जांच के आदेश दिए थे। अब सड़क के बीच बैठकर शराब पीने का वीडियो सामने आने के बाद उससे नाराज स्थानीय लोगों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘देवभूमि’ उत्तराखंड की संस्कृति के साथ खिलवाड़ बताया है। पुलिस ने बताया कि कटारिया के खिलाफ देहरादून के कैंट थाना क्षेत्र में भारतीय दंड विधान की धारा 290 (सार्वजनिक उपद्रव करने), 510 (सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन करने) , 336 (इंसानी जिंदगी या दूसरों की निजी सुरक्षा को खतरे में डालने) और 342 (किसी व्यक्ति को गलत ढंग से रोकना) तथा सूचना प्रोद्यौगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने एक ट्वीट में कहा है, ‘ऑपरेशन ‘मर्यादा मुहिम’ के तहत लंबे समय से सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने व हुड़दंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो रही है। बॉबी कटारिया के खिलाफ कानून की सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।’ इंस्टाग्राम पर 6.3 लाख फॉलोवर्स वाले कटारिया का इससे पहले स्पाइस जेट के एक विमान पर सिगरेट जलाते वीडियो प्रसारित हुआ था। गौरतलब है कि यात्रियों को विमान में न तो लाइटर ले जाने और न ही सिगरेट पीने की इजाजत होती है। इस संबंध में स्पाइस जेट ने कहा था कि सिगरेट पीने की यह घटना 20 जनवरी को दुबई-दिल्ली की उड़ान में उस समय हुई थी जब यात्री विमान में सवार हो रहे थे और केबिन-क्रू के सदस्य उड़ान शुरू होने की प्रक्रिया पूरी करने में व्यस्त थे। जांच के बाद स्पाइस जेट ने कटारिया को 15 दिन के लिए ‘नो फलाइंग सूची’ में डाल दिया था।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।