पहाड़ों से चली शीत बयार, मैदान ठिठुरने को तैयार
लाहौल-स्पीति के ताबो में इस मौसम की सबसे ठंडी रात दर्ज, पारा माइनस 7.4 डिग्री
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों में पारा शून्य से काफी नीचे गिरता जा रहा है। नतीजतन मैदानी इलाके ठिठुरने लगे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक आगामी एक-दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब के कुछ इलाकों में बादल छाये रहेंगे, कुछ इलाकों में बूंदाबांदी भी हो सकती है इससे ठंड बढ़ेगी। हालांकि अभी तत्काल कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना नहीं जताई गयी है।
हिमाचल प्रदेश में शीतलहर जारी है। लाहौल-स्पीति जिले के ताबो में इस मौसम की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 7.4 डिग्री सेल्सियस कम रहा। इसके साथ ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में कुछ डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। शिमला के मौसम विज्ञान कार्यालय ने बृहस्पतिवार को बताया कि अधिक ऊंचाई वाले जनजातीय क्षेत्रों और पहाड़ी दर्रों में शीत लहर का प्रकोप जारी है। यहां का न्यूनतम तापमान शून्य से छह से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया जा रहा है जबकि केलांग, कुकुमसेरी, कल्पा में न्यूनतम तापमान क्रमश: शून्य से 3.3 डिग्री, 3.1 डिग्री, 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
उधर, श्रीनगर में भी मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई जहां तापमान शून्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस नीचे था। घाटी के अन्य सभी मौसम केंद्रों में रात के समय तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया। मैदानी इलाकों की बात करें तो राजस्थान के फतेहपुर में सबसे कम सात डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। हरियाणा, पंजाब के कई इलाकों में भी रात को पारा 10 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया।
दिल्ली में वायु प्रदूषण ‘गंभीर’ श्रेणी में बरकरार
राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को भी दिन में घना कोहरा छाया रहा और वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गयी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी सुबह के वायु गुणवत्ता बुलेटिन में एक्यूआई 404 दर्ज किया गया। सीपीसीबी के मुताबिक, 37 निगरानी केंद्रों में से 27 ने एक्यूआई का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में बताया, जिनमें बुराड़ी (433), चांदनी चौक (455), आनंद विहार (431), मुंडका (438), पूसा (302), बवाना (460) और वजीरपुर (452) शामिल हैं। ‘गंभीर’ श्रेणी प्रदूषण के उस स्तर को दर्शाती है, जो स्वस्थ लोगों को प्रभावित कर सकता है और पहले से बीमार लोगों पर गंभीर रूप से प्रभाव डाल सकता है।

