चेन्नई, 8 अप्रैल (एजेंसी)
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत जब शुक्रवार से होगी तो रोहित शर्मा अपनी विरासत को बरकरार रखने के इरादे से उतरेंगे जबकि विराट कोहली नयी विरासत तैयार करना चाहेंगे। साथ ही सभी की नजरें अनुभवी महेंद्र सिंह धोनी पर भी टिकी होंगी कि पिछले सत्र में अपनी टीम के पहली बार प्ले आफ में जगह बनाने में नाकाम रहने के बाद वे किस रणनीति के साथ उतरते हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण लीग का आयोजन जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में होगा और दर्शकों को स्टेडियम में आने की इजाजत नहीं होगी। सिर्फ पांच महीने में दो आईपीएल टूर्नामेंट संबंधित हितधारकों के लिए आदर्श स्थिति नहीं है लेकिन कोविड-19 मामलों की दूसरी लहर के बीच प्रशंसकों के लिए अगले सात हफ्ते काफी रोमांचक होंगे जहां उन्हें बड़े छक्के, सटीक यॉर्कर और नयी प्रतिभा देखने को मिलेगी। टूर्नामेंट का पहला मुकाबला गत चैंपियन मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के बीच यहां खेला जाएगा और दोनों टीमों में बड़े हिटर की मौजूदगी सुनिश्चित करेगी कि दर्शकों का भरपूर मनोरंजन हो जो महामारी के कारण स्टेडियम में नहीं आ पाएंगे। भारत के लिए यह टूर्नामेंट काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी साल देश में टी20 विश्व कप का आयोजन भी होना है।
पांच खिताब के साथ आईपीएल इतिहास के सबसे सफल कप्तान रोहित छठी ट्रॉफी के साथ लीग में पहली खिताबी हैट्रिक बनाना चाहेंगे। रोहित अगर बल्लेबाजी में विफल रहते हैं तो क्विंटन डिकॉक सफलता हासिल करने को तैयार होंगे। अगर ये दोनों ही विफल रहेंगे तो फिर इशान किशन और सूर्य कुमार यादव जैसे बल्लेबाजों पर जिम्मेदारी होगी। मुंबई का शीर्ष क्रम अगर पूरी तरह नाकाम रहता है तो फिर पंड्या बंधु (हार्दिक और कृणाल) विरोधी को पस्त करने उतरेंगे। साथ ही टीम के पास पोलार्ड जैसा तूफानी बल्लेबाज है।
मुंबई इंडियंस की टीम अपने खराब दिन ही हार सकती है और अपने अच्छे दिन वे किसी भी विरोधी टीम के लिए बुरे सपने की तरह हैं। रोहित के विरोधी और राष्ट्रीय टीम के कप्तान कोहली पहली बार आईपीएल खिताब जीतने उतरेंगे लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर का संयोजन मुंबई जितना प्रभावी नहीं दिखता। इस सब के बीच धोनी की नजरें वानखेड़े स्टेडियम की सपाट पिच पर टिकी होंगी क्योंकि चेन्नई सुपरकिंग्स को चेपक की धीमी पिच की जगह वहां खेलना है। अनुभवी सुरेश रैना की वापसी से अधिकांश मैचों में इमरान ताहिर के खेलने का रास्ता साफ होगा। दूसरी तरफ धोनी के ‘शागिर्द’ ऋषभ पंत पहली बार दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी करते हुए छाप छोड़ने को बेताब होंगे।