दुबई, 23 अक्तूबर (एजेंसी) क्रिकेट जगत की वर्तमान पीढ़ी के कुछ दिग्गज सितारों से सजी भारतीय टीम आईसीसी टी-20 विश्व कप में रविवार को यहां होने वाले महा मुकाबले में कुछ अनजान चेहरों वाली पाकिस्तानी टीम को फिर से चारों खाने चित करने के लिये तैयार है। भारत और पाकिस्तान के बीच मैच अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के किसी भी टूर्नामेंट में आकर्षण का केंद्र होता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच रिश्तों की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए उनमें बहुत कम खेल गतिविधियां होती हैं। ऐसे में जब किसी आईसीसी टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमें आमने सामने होती हैं तो दर्शकों का उत्साह भी बुलंदियों पर होता है। अगर आईसीसी के वनडे और टी-20 विश्व कप की बात करें तो भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सभी 12 मैचों में जीत दर्ज की है। टी-20 विश्व कप के 2007 में शुरू होने के बाद भारतीय टीम ने पाकिस्तान को पांचों मैच में पराजित किया है और विराट कोहली की टीम यह विजय अभियान जारी रखने के लिये प्रतिबद्ध है। भारत ने टी20 विश्व कप में सभी मैच महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में जीते जो मेंटोर (मार्गदर्शक) के तौर पर कोहली का साथ देने के लिये यहां हैं। धोनी की उपस्थिति ही बाबर आजम और उनके साथियों की सिरदर्द बढ़ाने के लिये पर्याप्त है। फिर भी यह एक ऐसा मैच है, जिसका सभी को इंतजार रहता है। आईसीसी से लेकर प्रसारक तक इस मैच से मोटी कमाई करने पर ध्यान देते हैं तो प्रशंसकों की भावनाएं इससे जुड़ी होती हैं। लेकिन टी-20 ऐसा प्रारूप है जिसमें किसी भी टीम की जीत सुनिश्चित नहीं मानी जा सकती है। सुनील गावस्कर हो या सौरव गांगुली, इस खेल की समझ रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति यह अच्छी तरह से समझता है कि इस प्रारूप में दो टीमों के बीच अंतर बहुत कम होता है और कोई भी एक खिलाड़ी अपनी टीम को जीत दिला सकता है। यह खिलाड़ी कोहली भी हो सकता है जो कि इस मैच से फॉर्म में वापसी करने के लिये प्रतिबद्ध होंगे। यह खिलाड़ी शाहीन शाह अफरीदी भी हो सकता है जो भारतीय शीर्ष क्रम पर हावी होने की कोशिश करेगा। यह मोहम्मद रिजवान या मोहम्मद शमी या फिर सूर्यकुमार यादव कोई भी हो सकता है। खिलाड़ी भले ही कहते रहे हैं कि यह उनके लिये एक अन्य मैच की तरह है लेकिन इस बात को वे भी अच्छी तरह से जानते हैं कि प्रौद्योगिकी के इस जमाने में उनका लचर प्रदर्शन वर्षों तक उन्हें सालता रहेगा। चयनसमिति के वर्तमान अध्यक्ष चेतन शर्मा से बेहतर भला इसे कौन जानता होगा जिनकी आखिरी गेंद पर 35 साल पहले जावेद मियादाद ने विजयी छक्का लगाया था। लेकिन तब से क्रिकेट काफी बदल चुका है और अब भारत क्रिकेट की सबसे मजबूत ताकत बन गया है जिसके पास कई अच्छे खिलाड़ी हैं। विराट कोहली, रोहित शर्मा, जसप्रीत बुमराह जैसे क्रिकेटर पिछले मैचों के सहारे आगे बढ़ने या किसी तरह के दबाव में आने वाले खिलाड़ियों में शामिल नहीं हैं।