'अगर आलोचना पर ध्यान दूंगा तो खुलकर नहीं खेल पाऊंगा', सोशल मीडिया आलोचना पर बोले हर्षित राणा
भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर द्वारा कथित तौर पर पक्ष लेने के लिए निशाने पर रहने वाले तेज गेंदबाज हर्षित राणा का कहना है कि वह बाहर के किसी भी शोर पर ध्यान नहीं देते क्योंकि ऐसा करने से वह खुलकर क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे। गंभीर के कार्यकाल में 23 साल के इस तेज गेंदबाज ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान पर्थ टेस्ट में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण के बाद भारत के लिए सभी प्रारूपों में पदार्पण किया।
हालांकि हर्षित ने अपने प्रदर्शन से सभी प्रारूपों में काफी प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन उन्हें टीम के मुख्य कोच का पूरा समर्थन मिला है। हर्षित से जब पूछा गया कि वह सोशल मीडिया पर प्रशंसकों सहित अन्य लोगों की आलोचना से कैसे निपटते हैं तो उन्होंने कहा कि अगर मैं इन सब बातों को सुनना शुरू कर दूं और उन्हें अपने दिमाग में रखकर मैदान पर उतरूं तो मैं क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा। मैं जितना हो सके इससे बचने की कोशिश करता हूं। मैं बस इस बात पर ध्यान देता हूं कि मुझे मैदान पर क्या करना है।
मुझे इस बात की परवाह नहीं है कि बाहर क्या हो रहा है या कोई मेरे बारे में क्या कह रहा है। शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम में भारत के ट्रेनिंग सत्र से पहले उन्होंने कहा कि मैं बस अपनी कड़ी मेहनत और मैदान पर क्या करने वाला हूं इस पर ध्यान देता हूं। रांची में पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय में दक्षिण अफ्रीका के लक्ष्य का पीछा करते हुए अंतिम ओवरों में गेंद पर उनका नियंत्रण कम था, लेकिन हर्षित ने शुरुआत में दो विकेट सहित 65 रन पर तीन विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने कहा कि वह नई गेंद से अपने कौशल को सुधारने के लिए भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल और अर्शदीप सिंह के साथ काम कर रहे हैं।
हर्षित ने कहा कि नई गेंद से मैं मोर्ने (मोर्कल) के साथ बहुत अभ्यास कर रहा हूं और मैं अर्शदीप से बहुत बात करता रहता हूं। मुझे लगता है कि अर्शदीप के पास बहुत अनुभव है। वह अभ्यास के दौरान मेरी मदद और मार्गदर्शन करते रहते हैं। पारी के 34वें ओवर के बाद एक गेंद के नियम को लेकर हर्षित ने कहा कि भारतीय टीम इस बात पर नजर रखती है कि दोनों गेंदों में से कौन सी गेंद अधिक पुरानी हो रही है जिससे कि उसे चुना जा सके। आप जानते हैं कि आजकल के क्रिकेट में गेंदबाज को इतनी मदद नहीं मिलती इसलिए यह नियम हमारे लिए बहुत मददगार है और यह हमेशा दिमाग में रहता है कि कौन सी गेंद पुरानी हो रही है। और हर कोई उस गेंद को चुनने में शामिल होता है।
हर्षित ने कहा कि भारतीय सुपरस्टार्स विराट कोहली और रोहित शर्मा की मौजूदगी उनके विकास में बहुत मददगार रही है। यह मेरे लिए और जाहिर है कि पूरी टीम के लिए बहुत बड़ी बात है क्योंकि अगर ऐसे अनुभवी खिलाड़ी मैदान और ड्रेसिंग रूम में आपके साथ रहते हैं तो टीम का माहौल बहुत अच्छा होता है। (यहां तक कि) अगर आप ड्रेसिंग रूम में हैं तो यह पूरी टीम के लिए एक खुशी का माहौल है। इस बीच यहां पारी के ब्रेक के दौरान टी20 विश्व कप के लिए भारत की जर्सी का अनावरण किया जाएगा।
