प्रदीप साहू/ हप्र
चरखी दादरी, 22 सितंबर
‘उड़नपरी दादी’ के नाम से मशहूर 106 वर्षीय रामबाई ने विदेशी धरती पर चार स्वर्ण पदकों पर कब्जा करते हुए विश्व रिकार्ड बनाया है। चरखी दादरी के गांव कादमा निवासी रामबाई ने मलेशिया में 16 व 17 सितंबर को हुई वर्ल्ड मास्टर्स चैंपियनशिप में 100 मीटर, 200 मीटर दौड़ और गोला फेंक तथा डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल जीते। गांव पहुंचने पर इस उड़नपरी काे सम्मानित किया गया। उम्र का शतक पूरा कर चुकीं इस दादी का जज्बा ऐसा है कि वे लगातार देश के लिए मेडल जीतना चाहती हैं।
बता दें कि रामबाई उस समय सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने पिछले वर्ष बेंगलुरु में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान 100 मीटर की दौड़ 45.40 सेकंड में पूरी कर नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। पहले यह रिकॉर्ड मान कौर के नाम था, जिन्होंने 74 सेकंड में रेस पूरी की थी। नेशनल रिकाॅर्ड बनाने के बाद से रामबाई ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और विदेशी धरती पर खेलकर देश के लिए मेडल जीतने का मन में सपना ले पासपोर्ट भी बनवाया। उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करके दिखाया है।
कच्ची राहों की पक्की खिलाड़ी
रामबाई की दोहती शर्मिला सांगवान ने बताया कि उनकी नानी ने गांव के खेतों में कच्चे रास्तों पर अभ्यास किया। देसी खाने व कच्चे रास्तों पर दौड़ की तैयारी का परिणाम सामने आया है। शर्मिला कहती हैं कि अगर सरकार उनकी मदद करे तो नानी रामबाई विदेशी धरती पर देश के लिए मेडल जीतने का सिलसिला जारी रख सकती हैं।