थल सेना है फौज हमारी, जग में बड़ी शक्तिशाली।
अपना देश बचाने को नित, करती अपनी रखवाली।
सर्दी-गर्मी-बरसात भले, हो आंधी तूफान यहां।
दुश्मन से लोहा लेने को, तत्पर सीना तान यहां।
बम-बारूद लिए कन्धों पे, चले बनाकर सब टोली।
एक बोल में गाने लगते, वीरों की प्यारी बोली।
झुके नहीं कभी शत्रु से ये, कदम ताल से चलते हैं।
देख हमारी ताकत सारी, दुश्मन भी तो जलते हैं।
अजब गजब है सेना अपनी, कभी नहीं ये ठाली है।
अपना देश बचाने को नित, करती रखवाली है।
– गोविन्द भारद्वाज