अशोक भाटिया
एक महानगर की कॉलोनी के पहले माले में रामप्रसाद और राधाकृष्ण का फ्लैट आमने-सामने था। दोनों मध्यवर्ग के, दोनों हिन्दू।
अभी कुछ दिन पहले रामप्रसाद के घर हंगामा होकर हटा है। पूरी कॉलोनी को पता चल गया कि उनकी बेटी रिधि के राधाकृष्ण के बेटे रोशन से संबंध हैं। तब से सारा घर उबल रहा है। भाई मरने-मारने पर उतारू है। रिधि का कॉलेज जाना बंद हो गया है। मां की नसीहतें और पिता का क्रोध जारी है। इस बीच राधाकृष्ण की बेटी रानी ने बताया है कि उसके अपने दोस्त रितिक से संबंध हैं। सुनकर मां मुस्करा दी है। भाई ने चुप्पी के साथ यह बात स्वीकार कर ली है। पिता ने समझाया है–बेटी, प्रेम करो, पर जिम्मेदारी के साथ।’ यह सुनकर रानी का विवेक और भी जाग उठा है।
दोनों के घर एकदम आमने-सामने हैं।