
घमंडीलाल अग्रवाल
कहानी, कविता, उपन्यास एवं बाल-साहित्य की अनेक कृतियों की रचयिता लब्धप्रतिष्ठित लेखिका डॉ. अलका अग्रवाल की नवीनतम बालकृति है ‘कहानियों का पिटारा।’ इस बाल कहानी-संग्रह मे बाल मनोविज्ञान के अनुकूल 21 रोचक, ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणाप्रद कहानियां हैं जिनसे बच्चे लाभान्वित हो सकेंगे।
संग्रह की दो कहानियां ‘इनके जैसा कोई नहीं’ तथा ‘मैं क्यों करूं’ में बताया गया है कि अगर सुबह का भूला शाम को घर आ जाए, तो वह भुला नहीं कहलाता।’ ‘दोस्ती’ और ‘मित्रता का प्रकाश’ नामक कहानियां सच्ची मित्रता पर आधारित हैं। ‘मां का जन्मदिन’ और ‘सब के लिए खिलौने’ में जन्मदिन मनाए जाने का वर्णन है। ‘खेल का मैदान’ में खेती की महत्ता, ‘प्रसाद के घोड़े’ में विपत्ति के समय सूझबूझ दर्शाना और ‘जीवन में रंग नहीं’ • में स्नेह पर चल दिया गया है।
‘सुरीले गाने का दर्द’ में कोयल का दर्द वर्णित है तो ‘पार्क भी कुछ कहता है’ में पार्क की आत्मकथा मिलती है। ‘चमत्कारी बाबा का रहस्य’ एवं ‘साधु बाबा की सिद्धि’ में ढोंगी बाबा का पर्दाफाश किया गया है। ‘रानी की समझदारी’ में समझदारी व अच्छी आदतें अपनाने का ज़िक्र है और ‘मास्टरजी’ में आदर्श अध्यापक की महिमा निहित है। ‘सर्वश्रेष्ठ उपहार’ पेड़ों का महत्व बताती है, ‘नेहा का वहम’ अंधविश्वास से छुटकारा दिलवाती है और ‘सफलता का मूलमंत्र’ घमंड को त्यागकर विनम्र बनने का संदेश देती है।
कहानी ‘मुक्ति भय के भूत से’ में किसी पर शीघ्र विश्वास न करने की गुहार है, तो ‘पुरस्कार की हकदार’ में मदद करने की सीख समाहित है।
पुस्तक : कहानियों का पिटारा लेखक : डॉ. अलका अग्रवाल प्रकाशक : ग्रंथ विकास, जयपुर पृष्ठ : 128 मूल्य : रु. 225.
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