घोंसला बटुए सा सुन्दर
दर्जिन चिड़िया करे तैयार
उसके पास न सुई धागा
न कोई औज़ार
पत्तोँ के सिर जोड़े
छेद किये धागा डाला
आकार में दिसे घोंसला
बटुया है या प्याला
गौरैया से छोटी दर्जिन
जैतुनी सा रंग हरा
बड़ी मेहनती बड़ी निडर
कारीगर जैसा नख़रा
गोल पंख छोटे दर्जिन के
लंबी पूछ दिखलाती
कीट पतंगे अंकुरित पौधे
रस पीती दाने खाती
बागानो में खलिहानों में
देखेंगे इस की कारीगरी
पत्तों को कैसे सीती
छुटकी सी दर्जिन प्यारी
– हरि कृष्ण मायर