रोहतक, 6 अप्रैल (हप्र)
सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का महम की अनाज मंडी में उल्लंघन होने लगा है। मंगलवार को इसकी बानगी दिखाई दी। भैणी भैरों गांव के एक किसान द्वारा बिक्री के लिए लाए गए एक साल पुराने व सुरसरी लगे हुए गेहूं प्लेटफार्म पर उतार दिए गए। खरीद एजेंसी के अधिकारियों ने गेहूं की ढेरी को बारीकी से जांचा तो मामला पकड़ में आया। एजेंसी अधिकारियों ने इन गेहूं को लेने से मना कर दिया। शोर गुल होने के बाद मौके पर पहुंचे मार्केट कमेटी सचिव ने किसान द्वारा लाए गए तकरीबन 30 क्विंटल गेहूं को वापस उठवाकर मंडी से बाहर भिजवा दिया। खरीद एजेंसी हैफेड के पर्चेज अधिकारी जसवीर हुड्डा ने बताया कि मंगलवार को केवल 30 किसानों के 2577 क्विंटल गेहूं खरीदे गए हैं जबकि 1 हजार क्विंटल के लगभग गेहूं रिजेक्ट हुए हैं। उन्होंने कहा कि रिजेक्ट गेहूं में नमी की मात्रा 14 प्रतिशत से भी अधिक थी। इसके अलावा साफ सफाई भी नहीं थी। उन्होंने बताया कि किसी भी आढ़ती ने पंखा व झरना लगाकर गेहूं की सफाई नहीं की हुई जबकि सरकार ने इसे जरुरी बताया है।
आवारा पशुओं का जमावड़ा
महम मंडी में लगातार गेहूं की आवक बढ़ने लगी है। किसानों के गेहूं शैड के नीचे व मंडी प्लेटफार्म पर खुले में पड़े हैं। सही से देखभाल न होने की वजह से आवारा पशु गेहूं में मुंह मारते हैं। कुत्ते ढेरियों पर बैठते हैं। मंडी की तरफ से आवारा पशुओं को पकडऩे व इन्हें भगाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। कई जगहों पर सफाई की व्यवस्था कमतर हैै।
नियमित सफाई करवाई जा रही : सचिव
सोमवार को महम की एसडीएम गायत्री अहलावत मंडी का दौरा कर व्यवस्था का जायजा ले चुकी हैं बावजूद इसके सुधार नहीं दिख रहा। मार्केट कमेटी सचिव देवीराम ने बताया कि सभी किसानों को साफ सुथरा गेहूं लाने के लिए बोला गया है। खराब आए गेहूं को उठवा दिया गया। नियमित सफाई करवाई जा रही है। दो गेट बंद कर दिए हैं। केवल मुख्य गेट से ही इंट्री है।
ऑनलाइन पोर्टल से गायब हुआ हजारों एकड़ रकबा
बाढड़ा (निस) : बाढड़ा इलाके के किसानों को मेरी फसल, मेरा ब्यौरा दर्ज करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के मुताबिक उनका हज़ारों एकड़ रकबा ही ऑनलाइन पोर्टल से गायब है। यह बात किसानों ने जजपा जिलाध्यक्ष नरेश द्वारका बाढड़ा को बताई। जजपा जिलाध्यक्ष अनाज मंडी में गेहूं खरीद का जायजा लेने पहुंचे थे। किसानों ने बताया कि क्षेत्र की आधा दर्जन गांवों की भूमि का रकबा ऐसा है जहां मेरी फसल मेरा ब्यौरा दर्ज करने में समस्या आ रही है। हजारों एकड़ रकबा भी आनलाइन पोर्टल से गायब है। किसानों की समस्या सुनने के बाद जजपा जिलाध्यक्ष ने डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला व सीएम के प्रधान सचिव वी उमाशंकर से बातचीत कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिलवाया।