Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

हमें उन छोटी-छोटी चीजों को पहचानना होगा, जो खुशी दे सकती हैं : संदीप जोशी

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय व हैप्पीट्यूड लैबोरेट्री के तत्वावधान में कार्यशाला आयोजित

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते मुख्य वक्ता संदीप जोशी व एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह। -हप्र
Advertisement

रोहतक, 20 मार्च (हप्र)

खुशी एक यात्रा है, न कि मंजिल। इसे खोजने के लिए हमें अपने भीतर झांकना होगा और उन छोटी-छोटी चीजों को पहचानना होगा, जो हमें खुशी देती हैं। मुख्य वक्ता प्रतिष्ठित कार्टूनिस्ट दैनिक ट्रिब्यून के संदीप जोशी ने आज ये उद्गार महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग तथा हैप्पीट्यूड लैबोरेट्री के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किए। इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस के उपलक्ष्य में सीडीओई के काॅन्फ्रेंस भवन में आयोजित इस 3 दिवसीय सुख सृजन कार्यशाला में आज प्रथम दिन- हैप्पीनेस थ्रू एक्सप्रेसिव आर्ट को समर्पित रहा। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य वक्ता संदीप जोशी व एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शभारंभ किया।

Advertisement

संदीप जोशी ने कहा कि कला के माध्यम से हम अपने भीतर के स्रोतों को पहचान सकते हैं और एक स्थायी खुशी की तरफ कदम बढ़ा सकते हैं। कला न केवल रचनात्मकता को बढ़ाती है, बल्कि मन की शांति और खुशी भी प्रदान करती है। हैप्पीनेस सृजनशीलता से आती है। जीवन के सुख-दुख, समाज की विसंगतियां, समाज में व्याप्त कुरीतियों पर सृजनात्मक एक्सप्रेशन कार्टून द्वारा संभव है। उन्होंने स्केच, रंगों और ब्रश के माध्यम से कार्टून बनाने की कला साझा करते हुए इससे उत्पन्न होने वाली खुशी का अहसास प्रतिभागियों को करवाया। उन्होंने कार्टून बना कर दिखाए और विद्यार्थियों से भी बनवाए।

Advertisement

एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि खुशी केवल बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि ये हमारी सोच और दृष्टिकोण से जुड़ी होती है। उन्होंने मनोविज्ञान विभाग तथा हैप्पीट्यूड लैबोरेट्री की इस सुख सृजन कार्यशाला की पहल की सराहना की। सीडीओई निदेशक प्रो. नसीब सिंह गिल ने जीवन में खुशी के लिए सकारात्मक रवैया अपनाने की बात कही। कार्यक्रम के प्रारंभ में मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्षा प्रो. अंजली मलिक ने स्वागत भाषण देते हुए इस 3 दिवसीय सुख सृजन कार्यशाला की थीम पर प्रकाश डाला। हैप्पीट्यूड लैबोरेट्री प्रभारी प्रोफेसर डा. दीप्ति हुड्डा ने कहा कि खुशी ऐसी भावना है जो जीवन को सार्थक बनाती है। मौके पर मनोविज्ञान विभाग के प्राध्यापक प्रो. शालिनी सिंह, प्रो. सर्वदीप कोहली, डाॅ. शशि रश्मि, डाॅ. बिन्दु अहलावत, कंप्यूटर साइंस एवं एप्लीकेशन्ज विभाग की अध्यक्ष प्रो. प्रीति गुलिया, अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका डाॅ. शीलू चौधरी, जनसंपर्क निदेशक सुनित मुखर्जी, पीआरओ पंकज नैन, विजुअल कम्यूनिकेट पवन मल्होत्रा, मनोविज्ञान विभाग समेत एमडीयू के प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि 21 मार्च को हैप्पीनेस थ्रू म्यूजिकल एक्सप्रेशन तथा 22 मार्च को हैप्पीनेस थ्रू क्रिएटिव सेल्फ एक्सप्रेशन सुख सृजन कार्यशाला आयोजित की जाएंगी।

Advertisement
×