हरेंद्र रापड़िया/ हप्र
सोनीपत, 4 मार्च
शहर से सटे गांव बैंयापुर में पंचायती राज प्रणाली के तहत सरपंच और पंचायत होने के बावजूद मेयर उप चुनाव के लिए वोटिंग कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में नगर निगम की ओर से मतदाता सूचियों का काम करने वाले दो कर्मचारियों और अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई है। अब मामला चुनाव आयोग तक पहुंचने पर नगर निगम अपने कर्मचारियों व अधिकारियों की लापरवाही मानते हुए कमेटी गठित कर जांच कराने की बात कह रहा है।
नगर निगम की प्राथमिक जांच में सामने आया कि पिछले साल अक्तूबर-नवंबर में मेयर उप चुनाव की तैयारी के तहत मतदाता सूचियां तैयार की जा रही थीं।
सूचियां अपडेट करने के लिए दो कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई थी। अब पड़ताल में सामने आया है कि दोनों ने निगम से बाहर के पंचायती राज वाले गांव बैंयापुर की मतदाता सूची उठाकर इसे अपडेट कर दिया। इस सूची को ही अंतिम प्रकाशन के लिए भेज दिया गया। इस लापवाही को संबंधित अधिकारी भी नहीं पकड़ पाए।
प्रक्रिया के तहत इस सूची पर दावे-आपत्तियां मांगी गई लेकिन किसी ने भी इस पर आपत्ति नहीं उठाई गई क्योंकि सभी को पता था बैंयापुर निगम से बाहर का गांव है। अधिकारी आंखें मूंदे बैठे रहे और रविवार को गांव में मतदान भी करवा लिया गया।
कांग्रेस प्रत्याशी ने आयोग को दी शिकायत
कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी कमल दिवान ने मंगलवार को राज्य चुनाव आयोग को गांव बैंयापुर में गलत तरीके से मतदान कराने की शिकायत की है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त से अपील करते हुए कहा कि बैंयापुर में गलत तरीके से मतदान कराया गया है क्योंकि गांव निगम क्षेत्र में शामिल नहीं है। गांव में सरपंच व पंचायत मौजूद है। इसलिए गांव के 5 बूथों की मतगणना पर रोक लगाने के आदेश जारी किए जाएं। बता दें कि पहले गांव बैंयापुर को नगर निगम में शामिल किया गया था। बाद में ग्रामीणों के विरोध के चलते वर्ष 2020 से पहले ही इसे निगम से बाहर कर दिया गया। 4500 वोटों वाले गांव में करीब साढ़े 1100 लोगों ने अपने मत का इस्तेमाल किया।
''प्राथमिक जांच में सेवानिवृत्त शिक्षक लक्ष्मी नारायण, डॉटा ऑपरेटर विकास धामा और राजेंद्र चुघ की लापरवाही सामने आई है। अब कमेटी बनाकर मामले की जांच की जाएगी। जांच में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ''
-हर्षित कुमार, आयुक्त, नगर निगम

