झज्जर में डॉक्टरों की दो दिन की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं ठप
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप, मांगें न मानीं तो आंदोलन तेज करने की चेतावनी
हरियाणा सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए जिले के डॉक्टर सोमवार से दो दिन की हड़ताल पर उतर आए। यह हड़ताल हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) के आह्वान पर की जा रही है, जिसके चलते जिलेभर में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। हालांकि आपातकालीन और आवश्यक सेवाएं जारी रखी गईं।
डॉक्टरों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी मांगों पर लंबे समय से आश्वासन तो दिए गए, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। एसीपी लागू करने, सीएमओ की सीधी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने और कई लंबित मामलों के समाधान जैसी प्रमुख मांगें अभी तक अधर में लटकी हुई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि सरकार के बार-बार पीछे हटने से चिकित्सा कर्मियों में भारी रोष है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार जल्द बातचीत कर समाधान नहीं निकालती, तो वे मजबूरन सभी स्वास्थ्य सुविधाएं बंद करने का निर्णय भी ले सकते हैं। हड़ताल के पहले ही दिन ओपीडी बंद रहने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई लोग सुबह से पर्ची बनवाने पहुंचे, लेकिन डॉक्टर मौजूद न होने के कारण मायूस लौटना पड़ा।
वहीं दूसरी ओर स्थिति का जायजा लेने के लिए जिला उपायुक्त स्वप्निल पाटिल ने नागरिक अस्पताल का आकस्मिक दौरा किया। उन्होंने विभिन्न वार्डों, आपातकालीन कक्ष और ओपीडी का निरीक्षण कर अस्पताल प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। डीसी पाटिल ने जानकारी दी कि जिले के कुल 201 डॉक्टरों में से 140 हड़ताल पर हैं, जबकि 71 डॉक्टर अपनी-अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रशासन ने मरीजों की सुविधा के लिए बाहर के मेडिकल कॉलेजों से अतिरिक्त डॉक्टरों की भी व्यवस्था की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी मरीज को असुविधा न हो, इसके लिए अस्पताल सेवाओं पर विशेष निगरानी रखी जाए।
