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आयुष्मान कार्ड से मुफ्त होना था इलाज, फिर भी महिला मरीज से लिए पैसे

उपभोक्ता अदालत ने निजी अस्पताल पर लगाया पांच लाख रुपये जुर्माना
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चरखी दादरी, 28 मई (हप्र)

लोहारू रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में झोझू कलां निवासी महिला मरीज के परिजनों से आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज कराने के बावजूद रुपये लेने पर कंज्यूमर कोर्ट ने 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। महिला ने सीएम विंडो पर भी शिकायत भेजी थी।

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बता दें कि गांव झोझू कलां निवासी रोशनी के पास आयुष्मान कार्ड है।

वह 1 अप्रैल 2024 को पेट में दर्द होने पर आयुष्मान पैनल में शामिल एक अस्पताल में पहुंची थी। जहां डॉक्टर ने उसका अपेन्डक्स का ऑप्रेशन किया गया। महिला ने अपनी शिकायत में बताया था कि 3 अप्रैल 2024 को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। डिस्चार्ज करते वक्त अस्पताल के डॉक्टर ने 15 हजार रूपय मांगे। जबकि आयुष्मान कार्ड धारक होने के नाते उसका इलाज मुफ्त में होना था।

जब परिजनों ने रुपए देने से इंकार कर दिया तो डॉक्टर ने डिस्चार्ज करने से मना कर दिया। परिजनों ने बार-बार आग्रह करने के बाद भी डिस्चार्ज नहीं किया और अपनी जिद्द पर अड़े रहे। इस पर मजबूरन उसके पति ने 13 हजार 750 रुपये अस्पताल के खाता में अपने बैंक खाता से ट्रांसफर किये तब जाकर उसे अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया और जब बिल मांगा तो उन्होंने बिल देने से भी मना कर दिया।

डॉक्टर ने कहा कि आपको डिस्चार्ज कर दिया है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में लिखा कि डॉक्टर ने मजबूर व लाचार मरीजों को लूटने का धंधा बना रखा है। वे मरीजों से नाजायज तौर पर किसी ना किसी प्रकार का डर व भय दिखाकर पैसे ऐंठ रहे हैं। जिला उपभोक्ता अदालत में केस गया था। जिस पर सभी साक्ष्यों की जांच के बाद करीब एक साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने डॉक्टर को 5 लाख रुपए दंडात्मक हर्जाना देने के निर्देश दिए हैं।

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