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‘फ़ानूस बनकर जिसकी हिफाज़त हवा करे, वो शमां क्या बुझे, जिसे रोशन खुदा करे’

फतेहाबाद, 2 फरवरी (हप्र) ‘फ़ानूस बनकर जिसकी हिफाज़त हवा करे, वो शमां क्या बुझे, जिसे रोशन खुदा करे’ उक्त शेर उस समय चरितार्थ हो गया, जब दस वर्षीय अरमान घटनास्थल से 2 किलोमीटर दूर 18-20 फुट गहरी भाखड़ा नहर से...

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अरमान सिंह
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फतेहाबाद, 2 फरवरी (हप्र)

‘फ़ानूस बनकर जिसकी हिफाज़त हवा करे, वो शमां क्या बुझे, जिसे रोशन खुदा करे’ उक्त शेर उस समय चरितार्थ हो गया, जब दस वर्षीय अरमान घटनास्थल से 2 किलोमीटर दूर 18-20 फुट गहरी भाखड़ा नहर से मौत को गच्चा देकर जिंदा बाहर आया। शुक्रवार रात्रि को जिले के गांव सरदारेवाला के पास हुए हादसे में अरमान के अलावा मात्र एक व्यक्ति जीवित बचा है।

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बाकी सभी 12 मौत के मुंह में समा गए। इसे अरमान का सौभाग्य कहें या दुर्भाग्य कि वह तो मौत से बच गया, लेकिन उसका पूरा परिवार नहर में समा गया। इस हादसे में अरमान के माता-पिता व बड़ी बहन काल का ग्रास बन गए। ग्रामीणों व अरमान के अनुसार जैसे ही गाड़ी नहर में गिरी वह गाड़ी के शीशे टूटने के कारण नहर में जा गिरा तथा पानी के तेज बहाव के साथ बहने लगा।

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अरमान ने वॉटरप्रूफ जैकेट डाल रखी थी, जिसने अरमान को नीचे नहीं डूबने दिया, अरमान बहता हुआ दो किलोमीटर तक चला गया कि अचानक उसके हाथ में नहर की दीवार में उगे एक पेड़ की टहनी आ गई। अरमान उसका सहारा लेकर नहर से निकलकर पटरी पर बैठ गया। संयोग ऐसा हुआ कि पुलिस की एक गाड़ी नहर की पटरी से हादसे वाले पुल पर आ रही थी।

उसमें मौजूद पुलिस कर्मियों ने पटरी पर बैठे, ठंड से ठिठुरते एक बच्चे को देखा।

उन्होंने जब उस बच्चे से वहां बैठने का कारण पूछा तो पता लगा कि भाखड़ा नहर के पुल पर हुए हादसे वाली गाड़ी में वह सवार था। इस पर उसे पुलिस कर्मचारी तुरंत अस्पताल लेकर गए तथा अरमान को प्राथमिक सहायता उपलब्ध कराई गई ।

संयोग से आयी थी पुलिस की गाड़ी

हादसे की सूचना मिलने पर डायल 112 ईआरवी गाड़ी गलती से हादसे वाले वाले पुल से 5 किलोमीटर दूर स्थित दूसरे पुल पर चली गई। जब वहां कुछ नहीं मिला तो कॉन्टैक्ट करने पर पुलिस कर्मियों को उस पुल से हादसे वाले पुल की तरफ नहर की पटरी पर आने के निर्देश मिले। इसकी पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने बताया कि पुलिस की डायल 112 गाड़ी ही अरमान को घटना स्थल से 2 किलोमीटर दूर नहर की पटरी से लेकर आई थी। इस हादसे में अरमान के पिता जसविंदर सिंह माता रविंद्र कौर व 2 साल बड़ी बहन संजना मौत के मुंह में समा गई।

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