रोहतक (हप्र) : स्थानीय केवीएम नर्सिंग कॉलेज में नेत्रदान पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में डॉक्टर सितेंद्र ने नेत्रदान पर महत्वपूर्ण जानकारियां बताते हुए कहा कि नेत्रदान न करने के कारण कॉर्निया के अभाव के कारण 2.5 लाख के लगभग लोग अंधेपन का शिकार हैं। उन्होंने बताया कि एक कॉर्निया के दान से लगभग तीन व्यक्तियों के आंखों की ज्योति वापस आ सकती है। डॉक्टर सितेंद्र ने सेमिनार हॉल में उपस्थित सभी छात्राओं तथा शिक्षिकाओं को कॉर्निया के दान के लिए प्रेरित किया तथा छात्राओं का कॉर्निया दान के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा की नर्सिंग छात्राएं इसमें अहम भूमिका निभा सकती हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।