हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 27 नवंबर
दिल्ली जा रहे किसानों को रोहतक पुलिस महम शुगर मिल के निकट पीपला पुल पर नाकेबंदी पर पानी की बौछार व आंसू गैस के गोले छोड़ने के बाद भी नहीं रोक पाई। मात्र 40 मिनट में पुलिस नाकाबंदी को छोड़कर उलटे पैर लौट गई। हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्राली में सवार हो दिल्ली की तरफ कूच कर गए।
इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि काले कानून को वे किसी भी तरह से स्वीकार नहीं करेंगे। इससे किसान बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार किसान विरोधी कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक वे दिल्ली में ही डेरा डाले रहेंगे। पंजाब, सिरसा से दिल्ली जाने वाले किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने महम शुगर मिल से आगे पीपला पुल पर नाकेबंदी कर रखी थी। यहां हाईवे के बीच में पुलिस ने अनेक मिट्टी के डंपर डलवाने के साथ-साथ कंक्रीट के भारी भरकम बेरिगेट लगवाकर दिल्ली से हिसार आने जाने वाले वाहनों को गुरुवार देर रात 10 बजे से ही रोक दिया था। रास्ता रोकने के बाद यहां वाहनों की लंबी लंबी लाइनें लग गई। शुक्रवार सुबह 11 बजे पंजाब से आने वाले किसान पीपला पुल पर एकत्रित होने शुरू हो गए। इसी दौरान डीसी व एसपी भी पुलिस फोर्स लेकर मौके पर पहुंचें। किसानों ने हाइवे के बीच में पड़ी मिट्टी हटानी शुरू की तो पुलिस ने उन पर 11 बजकर 50 मिनट पर पानी की बौछार शुरू कर दी। किसान नहीं हटे तो पुलिस ने एक दर्जन के लगभग आंसू गैस के गोले किसानों पर दाग दिए। इससे वहां अफरातफरी मच गई। कुछ देर बाद किसानों ने पत्थर फैंकने शुरू कर दिए। किसी अनहोनी को देखते हुए डीसी व एसपी पुलिस फोर्स लेकर 12 बजकर 30 मिनट पर वापस महम की ओर आ गए।
पुलिस एक्सपायरी आंसू गैस के गोले छोड़कर किसानों को रोकना चाहती थी। पुलिस ने किसानों पर जो गोले दागे उनमें से अधिकतर 2018 में ही एक्सपायर हो चुके थे। आंसू गैस के गोले 135 मीटर दूरी तक अपना असर दिखाते हैं।