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सेवानिवृत्त सिविल सर्जन रिश्वत मामले में बीस माह बाद गिरफ्तार

भ्रूण लिंग जांच केस में फंसाने की धमकी देकर अस्पताल संचालक से लिए थे 5 लाख रुपये, एसीबी ने की कार्रवाई
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हिसार, 30 अप्रैल (हप्र)

पीएनडीटी एक्ट (पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम) के तहत हांसी के एक अस्पताल संचालक को जेल भेजने की धमकी देकर पांच लाख रुपये लेने और फिर से पांच लाख रुपये मांगने के करीब 20 माह पुराने मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने तत्कालीन सिविल सर्जन सेवानिवृत्त डॉ. नरेश वर्मा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उन्हें तीन दिन के रिमांड पर लिया है।

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रिमांड के दौरान पुलिस सिविल सर्जन से रिश्वत की राशि बरामद करने के अलावा पीएनडीटी टीम में शामिल अन्य चिकित्सकों डॉ. प्रभु दयाल, डॉ. कोमिद, डॉ. विक्रम और डॉ. दीपिका से भी पूछताछ करेगी। इस बारे में एसीबी ने हांसी के उत्तम नगर स्थित बालाजी अस्पताल के संचालक डॉ. साहिल की शिकायत पर 12 अगस्त, 2023 को एफआईआर दर्ज की थी।

डॉ. साहिल ने अपनी शिकायत में बताया था कि 29 जुलाई, 2023 को डॉ. प्रभुदयाल व डॉ. कामित मोंगा उसके अस्पताल में आए और मरीजों को कैबिन से बाहर भेज दिया। जब कारण पूछा तो कहा कि वे पीएनडीटी अप्रोप्रिएट अथोरिरटी व एडवायजरी कमेटी के सदस्य हैं और अस्पताल की जांच करनी है। जब उनको कहा कि उनके अस्पताल में कोई अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है तो धमकी दी कि तुझे व तेरी पत्नी डॉ. सोनिका को जेल भिजवा देंगे।

उन्होंने कहा कि 22 जुलाई, को एक महिला का गैर कानूनी ढंग से गर्भपात किया गया है। इस पर उनको बताया कि 22 जुलाई को दोपहर को एक महिला मरीज आई थी जिसका वाटर बैग लीक हो चुका था और महिला की जान को खतरा था। इसके बाद परिवारजनों की लिखित सहमति से सामान्य डिलिवरी की और एक लड़की पैदा हुई जो जिंदा थी। पैदा हुई लड़की प्रीमेच्योर थी और परिजनों को किसी दूसरे अस्पताल में ले जाने की सलाह दी।

इसके बाद उन्होंने गरीबी का हवाला दिया और छुट्टी मांगी तो उनको छुट्टी दे दी। छुट्टी के समय जच्चा-बच्चा ठीक थे। इसके बाद कहा कि मनु मेमोरियल अस्पताल की डॉ. पूजा यादव ने उक्त महिला को एमटीपी किट दी थी और आपके पास भेजा है। इस पर उन्होंने कहा कि डॉ. पूजा यादव को वह नहीं जानते। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद संबंधित महिला व उसके पति से मुलाकात की तो पता चला कि महिला के पति ने उनके खिलाफ झूठी शिकायत की हुई है।

उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन डॉ. नरेश वर्मा से जाकर मिल लो, वे हमारे हेड हैं। इसके बाद वे सिविल सर्जन डॉ. नरेश वर्मा से मिले तो उन्होंने उन्होंने कहा कि उनको पूरा मामला पता है और उन्होंने 5 लाख रुपये की मांग की। इसके बाद हिसार के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के कमरा नंबर 4 में वे सिविल सर्जन से मिले और सिविल सर्जन डॉ. नरेश वर्मा को पांच लाख रुपये दिए।

उन्होंने बताया कि पांच लाख रुपये देने के बाद उक्त तीनों चिकित्सक उससे अतिरिक्त पांच लाख रुपये की और मांग कर रहे हैं और कहा कि यह रुपये नहीं दिए तो वे उसको जेल भिजवा देंगे और अस्पताल बंद करवाकर घर बिठा देंगे। इस बारे में उसकी सिविल सर्जन डॉ. नरेश वर्मा से हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी है। इसी रिकॉर्डिंग के आधार पर एसीबी ने यह मामला दर्ज किया है।

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