रोहतक (हप्र) : जाट शिक्षण संस्थान के आजीवन सदस्य एवं जाट हाई स्कूल के रिटायर्ड शिक्षक मास्टर रामधारी खोखर ने फोटोयुक्त पहचान पत्र की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बृहस्पतिवार को संस्थान के प्रशासक टीएल सत्यप्रकाश को इस संबंध में पत्र लिखा है। मास्टर रामधारी का आरोप है कि उनकी ओर से सभी प्रकार के दस्तावेज संस्थान में जमा कराए जाने के बावजूद उनका नाम दस्तावेज तर्कसंगत नहीं पाए गए वाली सूची में डाल दिया गया। यानि फोटोयुक्त पहचान पत्र बनाने से इंकार कर दिया गया है। 90 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षक ने जाट हाई स्कूल में 40 वर्ष से भी ज्यादा समय तक सर्विस की लेकिन सभी दस्तावेज जमा कराने के बावजूद वे यह साबित नहीं कर पा रहे हैं कि वे जाट शिक्षण संस्थान के आजीवन सदस्य हैं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।