रोहतक, 6 अगस्त (हप्र)
1983 बर्खास्त पीटीआई परीक्षा ना देने पर अड़ गए हैं। संघर्ष समिति ने बीती देर रात रोहतक में बैठक कर यह निर्णय लिया है। संघर्ष समिति के राज्य प्रधान गुरुदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य पीटीआई संघर्ष समिति व प्रत्येक जिला प्रधान ने शिरकत की।
संघर्ष समिति के प्रवक्ता महाबीर सैनी ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार द्वारा निर्धारित पीटीआई परीक्षा का सभी जिलों के 1983 पीटीआई बहिष्कार करेंगे। देर रात तक चली बैठक में पीटीआई संघर्ष समिति के राज्य प्रधान गुरुदेव सिंह, धर्मेंद्र पंवार व रवींद्र चौहान सदस्य संघर्ष समिति ने अपने-अपने शपथ पत्र प्रस्तुत किये जिसमें पीटीआई कि परीक्षा ना देने का जिक्र है।
वहीं, धरने के 53वें दिन आज सुनीता, सत्या, बिजेंद्र खत्री व सुरेन्द्र दिन भर के क्रमिक अनशन पर रहे। उनको आज सुबह ऋतुराज व परण ने फूल मालाएं पहनाकर आज के अनशन
पर बिठाया। आज का धरना प्रदर्शन पीटीआई संघर्ष समिति कि महिला प्रधान सविता कि अध्यक्षता में चला।
अनदेखी पर जताया विरोध
भिवानी (हप्र) : नौकरी बहाली की मांग को लेकर स्थानीय लघु सचिवालय के बाहर चल रहे हरियाणा शारीरिक शिक्षकों के धरने पर सभी कर्मचारियों ने सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी का विरोध करते हुए जोरदार नारेबाजी की। कर्मचारियों का नेतृत्व करते हुए हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान दिलबाग जांगड़ा ने कहा कि नौकरी बहाली के लिए हरियाणा शारीरिक शिक्षक सड़कों पर हैं। जंगबीर कासनिया एचपीटीए, राजेश लाम्बा हेमसा, आनंद शर्मा, राजेश सम्भ्रवाल सर्व कर्मचारी नेता ने कहा कि वे सभी जनसंगठनों के साथ एकजुट होकर नौकरी बहाली की लड़ाई लड़ेंगे। सभी कर्मचारियों ने सरकार के प्रति रोष प्रकट करते हुए कहा कि सरकार ने वर्ष 2010 में लगे 1983 पीटीआई को घर का रास्ता दिखाकर अपनी ओच्छी मानसिकता का परिचय दिया है। आज के क्रमिक अनशन पर सुरेंद्र कुमार डीपीई, बिजेंद्र सिंह, राजेश कितलाना, राजपाल प्रह्लादगढ़ बैठे। अध्यक्षता वीरभान मुआल ने की।
समर्थन देने पहुंचे संत गोपालदास
जींद (हप्र) : प्रमुख आंदोलनकारी संत गोपालदास बृहस्पतिवार को जींद में आंदोलनरत बर्खास्त पीटीआई टीचरों को समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि वे एक कड़ी के तौर पर यहां आये हैं। अगर मौका मिला तो मुख्यमंत्री के समक्ष दंडवत होकर बर्खास्त टीचरों के लिए नौकरी मांगने का काम करूंगा। वे पूरी तरह से आंदोलनरत टीचरों के साथ हैं।
संत गोपालदास ने कहा कि हरियाणा सरकार दस साल से नौकरी करने वाले लोगों से रोजगार छीनने का काम ना करें। बर्खास्त पीटीआई टीचर पूरे प्रदेश में अपनी नौकरी पाने के लिए धरने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक बात है कि आंदोलन को डेढ़ माह से ज्यादा का समय होने के बावजूद भी सरकार ने अभी तक कोई सुध नहीं ली हैं। सरकार बर्खास्त टीचरों का ओर ज्यादा इम्तिहान ना लें। सरकार ने कोरोना महामारी काल में पीटीआई टीचरों पर कुठाराघात किया हैं। सरकार इतनी संवेदनहीन ना बने और पुनर्विचार करते हुए बर्खास्त लोगों की नौकरी बहाल करें। इस मौके पर हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिला प्रधान अनिल मलिक, शौर्य चक्र विजेता दिलबाग सिंह जाखड़ सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।