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ईसाई समाज के मौलिक अधिकारों के हनन का विरोध, ज्ञापन सौंपा

भिवानी, 30 जनवरी (हप्र) राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के बैनर तले बृहस्पतिवार को ईसाई समाज के लोगों ने प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को मांगपत्र सौंपा। इस दौरान समाज के लोगों ने अपने मौलिक अधिकारों के हनन पर...

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भिवानी में बृहस्पतिवार को जिला अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते क्रिश्चियन समुदाय के लोग। -हप्र
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भिवानी, 30 जनवरी (हप्र)

राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के बैनर तले बृहस्पतिवार को ईसाई समाज के लोगों ने प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को मांगपत्र सौंपा। इस दौरान समाज के लोगों ने अपने मौलिक अधिकारों के हनन पर रोक लगाए जाने की मांग उठाई। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि चर्च में प्रार्थना करने वाले लोगों पर धर्मांतरण का आरोप लगाकर जेल भेजा रहा है। यदि ऐसे लोगों पर लगाए गए धर्मांतरण के आरोप हटाकर तुरंत रिहा नहीं किया गया तो वामसेफ व भारत मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम के निर्देश पर बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

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इस मौके पर राष्ट्रीय क्रिश्चियन मोर्चा के प्रदेश प्रभारी सुरेंद्र भोला ने कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, तभी से ईसाई समाज के लोगों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। आरोपियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी जाती है तो पीड़ितों का ही शोषण किया जाता है, जिसके चलते ईसाई समुदाय डर के माहौल में है तथा अपनी आस्था भी प्रकट नहीं कर पा रहा। उन्होंने कहा कि बीते 29 दिसंबर को अंबाला में प्रार्थना सभा कर रहे क्रिश्चियन समुदाय के लोगों पर हमला किया गया, जिसमें पुरुषों के अलावा महिलाओं और बच्चियों के साथ भी मारपीट गई एवं उनके प्रार्थना सभा को बाधित कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई, जोकि आहत करने वाली घटना है।

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इस मौके पर पास्टर सुनीता ने कहा कि देश का संविधान सभी काे इसका हक देता है कि वे कहीं पर भी बैठकर प्रार्थना व अाराधना कर सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों द्वारा उन्हें चर्च में प्रार्थना करने रोका जा रहा है।

उन्होंने कहा कि संविधान होने के बावजूद लोगों को आजादी नहीं है तथा धर्म के नाम पर विवाद छेड़ने का काम किया जा रहा है। जोकि सामाजिक भाईचारे को खराब करने व धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देने के लिए सोची-समझी साजिश के तहत किया जा रहा है।

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