रोहतक (निस) : कृषि कानूनों को लेकर किसानों में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोहड़ी पर्व पर किसानों ने मकडोली टोल प्लाजा कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों का साफ कहना है कि जब तक तीनों कानून रद्द नहीं हो जाते, वह घर वापस नहीं जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल ने कहा कि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार ने बैकफुट पर आने से बचने के लिए कोर्ट का सहारा लिया है। श्री नांदल ने कहा कि बृहस्पतिवार को मकर सक्रांति के अवसर पर किसान प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का पुतला जगह-जगह पर फूंकेंगे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।