रोहतक, 4 अगस्त (निस)
पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय को एक राष्ट्रीय स्तर पर करवाए गए सर्वे में पूरे देश में एमडी/एमएस चिकित्सकों द्वारा ओपीडी में सबसे ज्यादा मरीज देखने पर प्रथम स्थान मिला है। साथ ही विश्वविद्यालय को एमडी-एमएस की सबसे कम फीस लेने पर पूरे देश में तीसरा स्थान मिला है। इसके अलावा बैस्ट जैंडर डाईवर्सिटी में दूसरा स्थान मिला है। यह जानकारी मंगलवार को पीजीआईएमएस के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि कोरोना के मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध करवाने के लिए मल्टी डिसीप्लेनरी टीम का गठन किया गया है, जिसमें संस्थान में करीब दर्जनभर सीनियर चिकित्सक शामिल हैं जो हर दिन दो घंटे की मीटिंग करके हर मरीज का हाल पता कर उसके इलाज के बारे में चर्चा करते हैं। डॉ.कालरा ने बताया कि कोरोना की वैक्सिन अभी तक संस्थान में करीब 81 वालंटियर को लगाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि संस्थान को हैपेटाइटिस सी की दवाइयों को कोरोना के इलाज में प्रयोग करने की परमिशन मिल गई है, जिसके लिए संस्थान को करीब 86 लाख रुपए का बजट भी मिला है। कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने बताया कि विश्वविद्यालय के चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन करीब 62 हजार मरीज देखे जाते हैं। हरियाणा सरकार द्वारा संस्थान में चिकित्सकों को सभी सुविधाएं और उच्च गुणवता की मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही है, जिसके बदौलत आज पूरे देश में पीजीआईएमएस को प्रथम स्थान मिला है। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ.एच.के. अग्रवाल, निदेशक डॉ. रोहताश यादव, डीन एकेडमिक अफेयर डॉ. एस.एस. लोहचब, डॉ. वरुण अरोड़ा, प्रो. संतोष हुड्डा प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
वेंटिलेटर भी हुए दोगुने
कुलपति ने बताया कि संस्थान में पहले करीब 120 वेंटिलेटर थे और अब इनकी संख्या करीब दोगुनी हो रही है। साथ ही कोरोना महामारी के समय में प्रतिदिन करीब 40 से ज्यादा डिलीवरी संस्थान में हो रही हैं। आईक्यूएसी के कोआर्डिनेटर डॉ. गजेंद्र सिंह ने बताया कि इस सर्वे की प्रक्रिया के दौरान संपूर्ण विस्तृत दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ते हैं।