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विभिन्न मांगों को लेकर पीजीआई मनोविज्ञान के छात्रों ने दिया धरना

रोहतक, 3 जून (निस) पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (पीजीआई) के मनोविज्ञान विभाग के छात्रों ने हेल्थ विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर हाईकोर्ट और यूजीसी के नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को डायरेक्टर कार्यालय के बाहर...
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रोहतक, 3 जून (निस)

पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (पीजीआई) के मनोविज्ञान विभाग के छात्रों ने हेल्थ विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर हाईकोर्ट और यूजीसी के नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को डायरेक्टर कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया।

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मनोविज्ञान विभाग के छात्रों ने आरोप लगाया कि हेल्थ विश्वविद्यालय के अधिकारी उनके ओरिजनल ड्राक्यूमेंटस नहीं दे रहे है और हॉटस्ल फीस पर भी अतिरिक्त जुर्माना लगाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। विद्यार्थियों ने बताया कि यूजीसी की गाइडलाइन है कि कोई भी शैक्षणिक संस्थान किसी भी विद्यार्थी के ओरिजनल ड्राक्यमेंटस अपने पास नहीं रख सकती है, लेकिन हेल्थ विश्वविद्यालय पूरी तरह से यूजीसी के नियमों की अनदेखी कर रहा है। कई बार इस बारे में आला अधिकारियों को भी लिखित में अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ है, जिसके मजबूरन छात्रों को धरने पर बैठना पड़ रहा है। छात्रों ने कहा कि हेल्थ विश्वविद्यालय ने होस्टल फीस को लेकर छात्रों पर जो जुर्माना लगाया है, वह सरासर गलत है, क्योकि होस्टल की फीस 13 हजार रूपये है, जबकि जुर्माना 70 हजार रूपये लगाया गया है और जब छात्रों ने इसका विरोध किया तो उन्हें नाजायज तरीक्को से परेशान किया जा रहा है। इतना ही नहीं हेल्थ विश्वविद्यालय द्वारा फाइन को लेकर कोई नोटिस भी पहले जारी नहीं किया गया। अभिषेक ने आरोप लगाया कि परीक्षा की तैयारियों के लिए छात्रों को अवकाश तक नहीं दिए गए और उनकी डयूटियां लगाई गई और जब वह नहीं गए तो उनकी गैरहाजिरी लगा दी गई।

पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ. एसके सिंगल से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि सभी आरोप निराधार है और जल्द ही छात्रों की जो समस्याएं है उनका शीघ्र समाधान कर दिया जाएगा।

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