मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

अन्न के प्रति बच्चों में सम्मान और संस्कार पैदा कर रही वन अर्थ वन फैमिली संस्था

सेल्फी विद देखो मेरी थाली अभियान से दे रही भोजन की कद्र करने की सीख वन अर्थ वन फैमिली संस्था बच्चों में अन्न के प्रति सम्मान और संस्कार जगाने के उद्देश्य से ‘सेल्फी विद देखो मेरी थाली अभियान चला...
जींद में खाली थाली के साथ बच्चों की सेल्फी लेते अश्विनी जिज्ञासु। -हप्र
Advertisement

सेल्फी विद देखो मेरी थाली अभियान से दे रही भोजन की कद्र करने की सीख

वन अर्थ वन फैमिली संस्था बच्चों में अन्न के प्रति सम्मान और संस्कार जगाने के उद्देश्य से ‘सेल्फी विद देखो मेरी थाली अभियान चला रही है। इस अभियान का मकसद है बच्चों को यह सिखाना कि अन्न का अपमान न करें और भोजन की बर्बादी को रोकें।

संस्था के अध्यक्ष अश्वनी जिज्ञासु ने बताया कि इस विशेष मुहिम के तहत बच्चों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे थाली में उतना ही भोजन लें, जितना खा सकें। स्कूलों, शादी-पार्टियों और धार्मिक आयोजनों में संस्था के सदस्य जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। अब तक संस्था दर्जनों कार्यक्रमों में शामिल होकर इस अभियान को सफल बना चुकी है।

Advertisement

अश्वनी जिज्ञासु ने बताया कि शादियों और समारोहों में अक्सर बड़ी मात्रा में भोजन व्यर्थ चला जाता है। एक हजार लोगों के कार्यक्रम में लगभग 150 से 200 लोगों का खाना बर्बाद हो जाता है, जो अन्न का अपमान है। किसान की मेहनत से उपजा अन्न बर्बाद होना समाज के लिए चिंता का विषय है।

उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर दिन करीब 19 करोड़ लोग भूखे सोते हैं, जबकि लगभग 20 प्रतिशत भोजन व्यर्थ चला जाता है। संस्था इस दिशा में देने के संस्कार विकसित करने के लिए स्कूलों में भी अभियान चला रही है।

इसके अलावा संस्था ने पहली रोटी गाय माता के लिए सेवा गतिविधि भी शुरू की है, जिसके तहत रोजाना हजारों रोटियां इकट्ठी कर गौशालाओं में भेजी जाती हैं। अश्वनी जिज्ञासु ने कहा कि अन्न की कद्र करना ही सच्ची देशभक्ति है। यदि हर व्यक्ति अपनी थाली में उतना ही भोजन ले, जितना खा सके, तो भूख और बर्बादी दोनों को रोका जा सकता है।

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune newsharyana newsHindi News
Show comments