रोहतक, 22 सितंबर (निस)
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि गठबंधन सरकार प्रदेश में सरकारी स्कूल बंद करने का मॉडल अब सरकारी कॉलेजों में लागू करने की तैयारी में दिखाई दे रही है।
सरकार ने प्रदेश के 38 सरकारी कॉलेजों में करीब 100 विषयों की पढ़ाई बंद करने के निर्देश जारी किये हैं, साथ ही अगले सेशन में इन विषयों में दाखिला न लेने के निर्देश भी दिये गए हैं। कई कॉलेज ऐसे हैं जहां साइंस और कॉमर्स स्ट्रीम पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं। सांसद ने मांग कि सरकार प्रदेश में शिक्षकों के खाली पड़े सभी 38476 पदों पर तुरंत पक्की भर्ती करे और सरकारी स्कूल, कॉलेज बंद करने की हरकतों पर लगाम लगाए। बृहस्पतिवार को राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने गांव किलोई में कई सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत की। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेशभर में स्कूलों के बाहर विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के प्रदर्शन चल रहे हैं। भाजपा सरकार की स्कूल बंद करो पॉलिसी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारे की धज्जियां उड़ा रही है। जब स्कूल ही नहीं होंगे तो बेटियां कहां पढ़ेंगी, जिन विद्यार्थियों को स्कूल की कक्षाओं में होना चाहिए था उनको सरकार ने सड़कों पर बैठा दिया है। सरकारी स्कूलों-कॉलेजों के बंद होने से इसके भारी दुष्परिणाम होंगे। गरीबों के बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जायेंगे, क्योंकि प्राइवेट स्कूलों की भारी भरकम फीस भरना उनके बूते से बाहर होगा। पूरे प्रदेश के बच्चों में इस सरकार के खिलाफ भारी रोष है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सैकड़ों स्कूलों पर ताले लगाने और शिक्षकों के हजारों पद खत्म कर प्राथमिक शिक्षा पर हमला करने वाली भाजपा-जजपा सरकार ने अब कॉलेजों का रूख किया है।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आप पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के स्कूलों में प्रधानाचार्यों के अधिकांश पद खाली हैं। दिल्ली शिक्षा निदेशालय (डीओई) के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली के 84 फीसदी स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं, वहीं उप-प्राचार्यों के 34 फीसदी पद खाली हैं। शिक्षकों के मामले में भी सरकारी स्कूलों को स्टाफ की भारी कमी है।