अनिल शर्मा/निस
रोहतक, 1 जुलाई
शहर में बारिश से हुए जलभराव को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने जायजा लिया और अलग-अलग इलाकों और घरों में जाकर हालात देखे और लोगों से मुलाकात की। इस मौके पर लोगों ने उनके सामने अपनी पीड़ा बताई और कहा कि प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा है। दो दिनों से उनके घरों में पानी जमा है, लेकिन सरकार व प्रशासन मूकदर्शक बने हुए है। लोगों का फर्नीचर व अन्य सामान पानी में गीला होकर खराब हो गया है। कई जगह जलभराव की वजह से घर में करंट भी आ गया। गलियां व सड़कें लबालब होने की वजह से आवाजाही बाधित हुई, लेकिन सरकार की तरफ से किसी ने उनकी सुध नहीं ली गई। शुक्रवार को पूर्व सीएम हुड्डा ने शहर के कई इलाकों में जलभराव का जायजा लिया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान उन्होंने कभी भी ऐसे हालात नहीं देखे, लेकिन अब बदहाली की यह तस्वीरें आम हो गई हैं।
प्रशासन द्वारा जलभराव को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया जाता और न ही जल निकासी की कोई व्यवस्था की जाती है। पूर्व सीएम ने कहा कि लोगों की स्थिति बेहद दयनीय है, हालात 1995 की बाढ़ जैसे हो गए हैं, लेकिन सरकार व प्रशासन सोया हुआ है। सरकार ने लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। हुड्डा ने कहा कि लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार को युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा। मौसम की पहली बारिश ने ही सरकारी दावों की पोल खोलकर रख दी। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द जल निकासी के स्थायी समाधान के लिए उपयुक्त इंतजाम कराए। जिन लोगों का जलभराव की वजह से नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा दिया जाए। इस अवसर पर उनके साथ विधायक भारत भूषण बत्रा, हेमंत बख्शी, राजबहादुर आदि मौजूद थे।
अमरूत योजना के नाम पर करोड़ों का घोटाला
ऐसा लग रहा है मानो हरियाणा में सरकार है ही नहीं। सीवरेज व जल निकासी की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए बनी अमरूत योजना में हुए सैकड़ों करोड़ के घोटाले का खमियाजा आज प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत पूरे हरियाणा में अमरूत योजनाा के नाम पर सैकड़ों करोड़ के घोटाले हुए। खुद भाजपा नेताओं ने भी इस योजना को लेकर आरोप लगाए, लेकिन, आज तक इसकी कोई जांच नहीं हुई। सरकार अविलम्ब इसकी सीबीआई से जांच करवाए।