रोहतक, 26 जून (हप्र)
लंबित मांगों के प्रति सरकार के रवैये के खिलाफ नगर पालिका कर्मचारी संघ ने प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। लाढोत रोड स्थित ज्योतिबा फुले सामुदायिक केंद्र में आयोजित राज्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघ के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी पर 20 जुलाई से 29 जुलाई तक राज्य भर में डीसी कार्यालयों पर झंडा-झाड़ू प्रदर्शन किए जाएंगे। आंदोलन की अगली कड़ी में पहली अगस्त से 10 अगस्त तक सभी विधायकों एवं मंत्रियों के आवासों पर प्रदर्शन किए जाएंगे और मांगों के ज्ञापन सौंपे जाएंगे। 20 -21 अगस्त को रोहतक में राज्य सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। 20 अगस्त को राज्यस्तरीय रैली की जाएगी। रैली में हड़ताल जैसा फैसला लिया जा सकता है। कन्वेंशन में सभी नगर निगमों, परिषदों व पालिकाओं से पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। नरेश कुमार शास्त्री ने कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिये एक जुलाई से 10 जुलाई तक जनजागरण अभियान चलाया जाएगा और जिन इकाइयों व जिलों के संगठन चुनाव नहीं हुए हैं, उनके चुनाव भी संपन्न किये जाएंगे।
कन्वेंशन में आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इम्पलाइज फेडरेशन व सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा भी पहुंचे और सरकार व शहरी स्थानीय निकाय विभाग की वादाखिलाफी की निंदा की। नौजवानों की भावनाओं को देखते हुए अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की। उन्होंने मांग की है कि सेना में तीन साल से बंद पड़ी भर्तियों को खोला जाये। कन्वेंशन को नगरपालिका कर्मचारी संघ के राज्य महासचिव मांगे राम तिगरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश तुषामड़, डिप्टी जरनल सेकेटरी शिवचरण, सुनील चिंडालिया,उप प्रधान राजेंद्र सिणंद ने संबोधित किया।
कौशल रोजगार निगम भंग करने सहित रखी 19 मांगें
नरेश कुमार शास्त्री ने राज्यस्तरीय कन्वेंशन को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम को भंग किया जाये, सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाये, पुरानी पेंशन बहाल की जाये और क्षेत्रफल आबादी के अनुपात में नये पद सृजित कर नियमित भर्ती की जाये। इसके अलावा उन्होंने कहा कि फायर विभाग के 1366 अनुबंधित कर्मचारी एवं ठेका प्रथा में लगे कर्मचारियों को 2,268 फायर ऑपरेटरों के स्वीकृत पदों पर समायोजित करने और फायर ऑपरेटर व ड्राइवरों की 2063 पदों पर की जाने वाली भर्ती को रद्द करने व 19 सूत्रीय मांग-पत्र को लागू करने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।