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मनोज की ट्रेनिंग ने सच किया स्वप्निल कुसाले का सपना

मोरखेड़ी गांव के भारतीय निशानेबाजी टीम के चीफ कोच की बदौलत पेरिस ओलंपिक में कमाल
पेरिस ओलंपिक में पदक विजेता निशानेबाज स्वप्निल कुसाले के साथ चीफ कोच मनोज कुमार ओहल्याण। -हप्र
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रोहतक, 3 अगस्त (हप्र)

पेरिस ओलंपिक में खिलाड़ियों को पदक दिलवाने में मोरखेड़ी गांव के कोच मनोज कुमार ओहल्याण का विशेष योगदान रहा है। भीम अवॉर्ड विजेता मनोज कुमार ओहल्याण 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में भारतीय टीम के चीफ कोच हैं। उनके प्रशिक्षण में महाराष्ट्र के निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग के 50 मीटर एयर राइफ़ल 3 पोजि़शन प्रतिस्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया है।

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मनोज कुमार ओहल्याण ने पेरिस से बातचीत में बताया कि वे पिछले 2 साल से स्वप्निल को ट्रेनिंग दे रहे थे। इससे पहले इस स्पर्धा में भारत ने कभी भी पदक नहीं जीता था। वे भारतीय निशानेबाजी टीम के साथ 10 साल से कोच के तौर पर जुड़े हैं। कोच मनोज कुमार ओहल्याण ने शूटिंग में हरियाणा के 2 निशानेबाजों मनु भाकर और सरबजोत सिंह के पदक जीतने पर खुशी जताई है।

मनोज कुमार ओहल्याण खुद भी कॉमनवेल्थ गेम्स व एशियन चैंपियनशिप में वर्ष 2005 में स्वर्ण पदक हासिल कर चुके हैं।उन्होंने बताया कि जब से वे भारतीय निशानेबाजी टीम के साथ जुड़े हैं, तब से भारतीय निशानेबाजों ने एशियन गेम्स में 5 पदक हासिल किए हैं। चीफ कोच ने इस बात पर खुशी जताई कि निशानेबाजी में अब तक भारत को 3 पदक हासिल हो चुके हैं। भारतीय टीम अच्छी तैयारियों के साथ आई थी। अगली बार और अधिक अच्छा प्रदर्शन रहेगा।

तकनीक पर काफी काम किया

चीफ कोच ने पदक विजेता निशानेबाज स्वप्निल कुसाले के खेल के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि स्वप्निल की तकनीक पर काफी काम किया। स्वप्निल पहले स्टैंडिंग पोजीशन में काफी वीक था लेकिन उस पर लगातार मेहनत की गई जिसमें परिणाम सभी के सामने है। एआई तकनीक का भी इस्तेमाल किया गया। उन्होंने बताया कि वे टीम के साथ 15 जुलाई को ही फ्रांस पहुंच गए थे। वहां पर तकनीकी कैंप आयोजित किया गया। लक्समबर्ग में भी कैंप लगाया गया फिर 24 जुलाई को ओलंपिक विलेज पहुंचे।

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