प्रकृति की रक्षा में भगवान बिरसा मुंडा का योगदान अतुलनीय: बेदी
चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय में जनजातीय गौरव दिवस पर हुआ कार्यक्रम
प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने न केवल आदिवासी समाज, बल्कि पूरे देश को जल, जंगल और जमीन की रक्षा का संदेश दिया। वे मात्र 25 वर्ष की आयु में समाज में जागरूकता की ऐसी अलख जगा गए, जो आज भी प्रेरणा देती है।
मंत्री बेदी ने यह बात सोमवार को चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि कही। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य देने के लिए प्रकृति की रक्षा अत्यंत आवश्यक है और युवाओं को इस दिशा में आगे आना होगा।
बेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य समाज में समरसता स्थापित करना है और इसी भावना के तहत संतों व वीर-महापुरुषों की जयंती पर सरकारी स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण को लेकर समाज में नई चेतना पैदा की, उनकी सोच को आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है।
मंत्री ने कहा कि आधुनिकता के दौर में पेड़ लगाना और पर्यावरण संतुलन बनाए रखना अत्यावश्यक है। प्रकृति के बिना जीवन संभव नहीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार योग्यता के आधार पर युवाओं को रोजगार दे रही है। ग्रुप-डी भर्ती परीक्षा में हरियाणवी संस्कृति से जुड़े प्रश्न शामिल किए गए ताकि युवाओं में अपनी संस्कृति के प्रति जिज्ञासा बढ़े।
कार्यक्रम में केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ के प्रो. राजेंद्र प्रसाद मीणा ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अनेक यातनाएं सहते हुए भी जनहित और समाज कल्याण के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। भाजपा जिला प्रधान विरेंद्र कौशिक ने कहा कि युवाओं को देश के ज्ञात-अज्ञात वीरों के जीवन से प्रेरणा लेकर देशसेवा की भावना रखनी चाहिए।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. धर्माणी ने अतिथियों का स्वागत किया। मंच संचालन प्रो. जितेंद्र भारद्वाज ने किया। इस अवसर पर डॉ. सतीश नांदल, रेनू डाबला, एसडीएम महेश कुमार, मीना परमार, रमेश पचेरवाल, राजेश जांगड़ा, लवकेश, शिवराज, महेंद्र यादव, धीरज शर्मा, विनोद सरपंच, धर्मबीर दहिया सहित अनेक गणमान्य लोग व विश्वविद्यालय के अधिकारी मौजूद रहे।
