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एलसीएलओ कर्मचारियों ने भिवानी में किया प्रदर्शन, मंत्री श्रुति चौधरी के आवास का घेराव

सीपीएलओ का विज्ञापन, सरकार ने पदनाम बदलकर बनाया एलसीएलओ : प्रवीण सिटिजन इंफॉर्मेशन रिसोर्स (क्रीड) विभाग के भिवानी, हिसार और दादरी जिलों के लोकल कमेटी-लोकल ऑपरेटर (एलसीएलओ) कर्मचारियों ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर भिवानी के नेहरू पार्क...

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भिवानी में मंत्री श्रुति चौधरी के सचिव को ज्ञापन सौंपते कर्मचारी। - हप्र
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सीपीएलओ का विज्ञापन, सरकार ने पदनाम बदलकर बनाया एलसीएलओ : प्रवीण

सिटिजन इंफॉर्मेशन रिसोर्स (क्रीड) विभाग के भिवानी, हिसार और दादरी जिलों के लोकल कमेटी-लोकल ऑपरेटर (एलसीएलओ) कर्मचारियों ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर भिवानी के नेहरू पार्क में एकजुट होकर प्रदर्शन किया।

इसके बाद कर्मचारियों ने रोष स्वरूप कैबिनेट मंत्री श्रुति चौधरी के आवास का घेराव किया और उनके निजी सचिव दिलबाग के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम मांगपत्र सौंपा। कर्मचारियों ने मांग की कि सरकार उन्हें सीपीएलओ (क्रीड पंचायत लोकल ऑपरेटर) के पद पर पुनः बहाल करे और नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान दिया जाए।

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प्रदर्शन और घेराव का नेतृत्व एलसीएलओ यूनियन हरियाणा के जिलाध्यक्ष प्रवीण और सीटू जिला सचिव कामरेड अनिल कुमार ने किया। यूनियन नेताओं ने बताया कि सरकार ने नियुक्ति के समय हजारों कर्मचारियों का पदनाम बदलकर सीपीएलओ की जगह एलसीएलओ कर दिया, जिसके कारण वे पिछले 18 माह से वेतन से वंचित हैं।

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उन्होंने कहा कि सरकार न तो उन्हें वेतन दे रही है और न ही किसी अन्य कार्य में लगा रही है। जबकि इन कर्मचारियों की परीक्षा सीपीएलओ पद के लिए ली गई थी। कर्मचारियों ने कहा कि इस मनमानी के विरोध में वे लंबे समय से आंदोलनरत हैं।

सीआईआर (क्रीड) विभाग के तहत इनकी नियुक्ति हरियाणा की करीब 7 हजार ग्राम पंचायतों के ग्राम सचिवालयों में की जानी थी, जहां ये फैमिली आईडी, आय प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पेंशन सत्यापन और पंचायत के अन्य ऑनलाइन कार्यों को संचालित करते थे। लेकिन पदनाम बदलने के बाद अब आधे से अधिक यानी लगभग साढ़े तीन हजार कर्मचारी बिना काम और वेतन के घर बैठने को मजबूर हैं।

जिला अध्यक्ष प्रवीण ने बताया कि एलसीएलओ को अभी तक कोई मानदेय नहीं दिया गया, जबकि सीपीएलओ को मात्र 6000 रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है, जो न्यूनतम मजदूरी से भी कम है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर कर्मचारियों की समस्याएं हल नहीं करती तो यूनियन किसान सभा, सर्व कर्मचारी संघ और सीटू के साथ मिलकर राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगी।

किसान नेता कामरेड ओमप्रकाश, सीटू, किसान सभा और यूनियन नेताओं ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार कर्मचारियों और किसानों के मुद्दों को बातचीत से हल करने में नाकाम रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते मांगें नहीं मानी गईं तो संघर्ष तेज किया जाएगा। कर्मचारियों ने ऐलान किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वे 26 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियनों द्वारा घोषित देशव्यापी रोष प्रदर्शन में भी भाग लेंगे।

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