रोहतक, 22 सितंबर (हप्र)
लाहली गांव में राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय को मर्ज करने के विरोध में छात्रों, अभिभावकों व ग्रामीणों ने स्कूल के गेट को बंद कर विरोध प्रदर्शन किया और जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाएं न देकर चिराग योजना के तहत स्कूलों को मर्ज के नाम पर बंद कर रही है।
उन्होंने मांग की कि लाहली के स्कूल को मर्ज नहीं किया जाए और सीनियर सेकंडरी स्कूल के अंदर जल्द से जल्द अध्यापक की भर्ती की जाए। अधिकारियों के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए।
ग्रामीणों के बीच पहुंचे सीआईटीयू नेता कमलेश, एसएफआई के अर्जुन बोहत, मनजीत, विशाल ने बताया कि सरकार की चिराग योजना के कारण सरकार ने पहले 105 स्कूलों को मर्ज के नाम पर बंद करने का काम किया था और अब फिर से राज्य में 183 स्कूलों को मर्ज करने का फ़रमान जारी कर दिया गया। इस मर्ज के फरमान पर हमारे लाहली के मिडिल स्कूल को भी बंद करने का काम किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय के एक अध्यापक ने विद्यार्थियों से एक पत्र लिखवाया कि हम सीनियर सेकंडरी स्कूल में जाने के लिए तैयार हैं और उस पर सहमति करवा के साइन करवाए गए। विद्यार्थियों के माता-पिता को इस चीज की जानकारी भी नहीं थी। जब उनके माता-पिता को पता लगा तो उन्होंने इस बात का विरोध किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रांसफर पॉलिसी के कारण राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल लाहली में अध्यापकों की कमी हो गई। इस कारण कन्या माध्यमिक विद्यालय को राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल में मर्ज किया गया।