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जींद में बीएएमएस व एनएचएम डॉक्टरों के सहारे चलानी पड़ी व्यवस्था

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोमवार को जींद में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं। सिविल अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी लगभग ठप रही। उपचार के लिए पहुंचे...

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जींद में काम छोड़ सिविल अस्पताल के बाहर खड़े चिकित्सक। - हप्र
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हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन सोमवार को जींद में सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित रहीं। सिविल अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी लगभग ठप रही। उपचार के लिए पहुंचे मरीज अस्पताल परिसर में इधर-उधर भटकते दिखाई दिए और कई को बिना इलाज करवाए वापस लौटना पड़ा।जींद जिले में तैनात 151 मेडिकल अफसरों में से 140 से अधिक डॉक्टर काम पर नहीं पहुंचे। हड़ताल का असर कम दिखाने के लिए विभाग ने रात की ड्यूटी वाले कुछ डॉक्टरों की भी हाजिरी दर्ज कर दी। ओपीडी संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बीएएमएस और एनएचएम के डॉक्टरों को विभिन्न विभागों में बैठाया, लेकिन गंभीर मरीजों ने उनके पास जांच व इलाज कराने से मना कर दिया।

ऑर्थो, मनोरोग और बाल रोग विभागों में एक भी नियमित डॉक्टर न होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई परिजनों का कहना था कि वे विशेषज्ञ चिकित्सकों की अनुपस्थिति में जांच करवाने का जोखिम नहीं उठा सकते। एएचसीएमएस के जिला प्रधान डॉ. बिजेंद्र ढांडा ने बताया कि 151 में से 147 डॉक्टर हड़ताल पर रहे और आंदोलन लगभग पूर्ण रहा।

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उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। उधर, सिविल सर्जन डॉ. सुमन कोहली ने दावा किया कि वैकल्पिक व्यवस्था कर चिकित्सा सेवाएं सामान्य रखने की कोशिश की गई और इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं होने दी गईं।

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