रोहतक, 12 सितंबर (हप्र)
कुदरती खेती अभियान, हरियाणा के सलाहकार चौधरी राजेन्द्र चौधरी ने दावा किया कि हरियाणा में जैविक खेती में रासायनिक खेती के मुकाबले की पैदावार मिल रही है। सर्वे में पाया गया कि हरियाणा में आत्मनिर्भर जैविक खेती करने वाले 45 प्रतिशत किसानों को गेहूं की खेती में रासायनिक खेती की राज्य औसत से ज़्यादा पैदावार मिल रही है। वह रविवार को रोहतक में आयोजित ‘जैविक खेती जन-संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में शामिल किसानों ने अपने अनुभव किसान संगठनों एवं कृषि वैज्ञानिकों के सामने रखे। उन्होंने कहा कि कुदरती खेती जो आत्मनिर्भर जैविक खेती का ही दूसरा नाम है, रसायनिक खेती से भी बेहतर पैदावार दे सकती है, बशर्ते कि जैविक खेती के सभी सिद्धांत अपनाए जाएं। केवल रसायनों का प्रयोग बंद करने से एवं शेष खेती पद्धति जस की तस रखने से ही जैविक खेती में पैदावार घटती है। संवाद के अंत में जैविक खेती के प्रचार-प्रसार के लिए अपील के रूप में ‘रोहतक जैविक खेती घोषणा 2021’ जारी की गई। इस संवाद के आयोजक कुदरती खेती अभियान, हरियाणा के संयोजक एवं जींद ज़िले के जैविक किसान उदयभान ने बताया कि इस अवसर पर ‘कुदरती खेती’ की मार्गदर्शिका का तीसरा संस्करण भी जारी किया गया।