शिक्षा विभाग की खुली पोल : 12वीं में 18 स्कूलों का रिजल्ट ‘शून्य’
अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 14 मई
एक ओर हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 12वीं के 85.66 प्रतिशत परीक्षा परिणाम के साथ अपनी पीठ थपथपाई, तो दूसरी ओर यही रिजल्ट प्रदेश के कुछ स्कूलों के लिए शर्म और सवालों की गूंज लेकर आया। जैसे ही जिलेवार आंकड़े बाहर आए, बोर्ड की चमकती रिपोर्ट कार्ड की तहों में छुपा एक ‘काला सच’ उजागर हो गया। ऐसे 100 सरकारी स्कूल जहां पास प्रतिशत 35 से भी कम रहा और चौंकाने वाली बात ये कि 18 स्कूलों में एक भी छात्र पास नहीं हो सका। यह नतीजा सिर्फ परीक्षा में असफलता नहीं, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है। बोर्ड ने इस शर्मनाक प्रदर्शन पर गंभीर रुख अपनाते हुए 100 ऐसे स्कूलों की सूची शिक्षा निदेशालय और शिक्षा मंत्री को भेज दी है, जिनका परिणाम बेहद खराब रहा है। बोर्ड सूत्रों के अनुसार, इन स्कूलों की निगरानी अब उच्च स्तर पर होगी और संबंधित शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
चौंकाने वाले आंकड़े जो सोचने पर मजबूर कर दें
- ‘शून्य’ परिणाम वाले स्कूल : फरीदाबाद (4), नूंह (6) और एक-एक गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, करनाल, पलवल, रोहतक, यमुनानगर और सोनीपत जिलों से हैं।
- कई स्कूलों में केवल 1 या 2 बच्चे ही परीक्षा में बैठे, लेकिन फिर भी सफलता नहीं मिली।
- एक स्कूल ऐसा भी है जहां 13 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, लेकिन सभी फेल हो गए।
- 100 स्कूल 35 प्रतिशत का आंकड़ा भी नहीं छू पाए।
शिक्षकों पर गिर सकती है गाज
बोर्ड की इस रिपोर्ट से सबसे ज्यादा बेचैनी इन स्कूलों के शिक्षकों में है। माना जा रहा है कि विभाग जल्द ही इनसे जवाब-तलब करेगा। लापरवाही साबित होने पर निलंबन, तबादले या सेवा नियमों के तहत अन्य कार्रवाई की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
शिक्षा मंत्री के दरबार में पहुंची 100 फिसड्डी स्कूलों की सूची
बोर्ड अध्यक्ष बोले—अब सिर्फ आंकड़ों से नहीं चलेगा काम
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. पवन कुमार ने कहा कि फिसड्डी स्कूलों की सूची शिक्षा मंत्रालय को भेजी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों में न केवल शिक्षकों का ओरिएंटेशन प्रोग्राम जरूरी है, बल्कि विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से भी मिलकर यह समझना होगा कि असफलता की जड़ में कौन-कौन से कारण हैं।