भिवानी, 10 जून (हप्र)
सरकार ने 100 फुट से ज्यादा गहराई वाले ट्यूबवेल कनेक्शन पर शर्तें लगाकर दक्षिण हरियाणा के किसानों के साथ अन्याय किया है। किसान सभा के जिला प्रधान रणधीर कुंगड़ ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के धरने को संबोधित किया और यह बात कही। उन्होंने कहा कि 3 साल से किसानों ने कनेक्शन लेने के लिए लाखों रुपये सिक्योरिटी मनी के रूप में बिजली विभाग के पास जमा करवा रखे थे लेकिन सरकार के ताजा फैसले से उनका सपना चकनाचूर हो गया है। एक तो यहां जमीन समतल नहीं है और ड्रिप सिस्टम महंगा पड़ने के साथ पूरी तरह कामयाब भी नहीं है।
दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान चालीस के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि केंद्र सरकार ने महंगाई के मुकाबले खरीफ फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी की है। मक्का में प्रति क्विंटल 20 रुपये, धान में 72 रुपये और बाजरे में 100 रुपये का इजाफा ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके तमाम दिग्गज नेता चुनावों से पहले किसानों की आय दुगुनी करने की बात करते थे। लेकिन एक महीने में पेट्रोलियम पदार्थों में 20 बार वृद्धि करके फसल लागत दुगुनी जरूर कर दी है। कितलाना टोल पर धरने के 168वें दिन सांगवान खाप चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप से गिरेन्द्र फौगाट, किसान सभा से रामफल देशवाल, सुरेन्द्र कटारिया, प्रतापसिंह सिंहमार, कृष्णा छ्पार, सन्तोष देशवाल, प्रेम शर्मा ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।
उन्होंने कहा कि सरकार हर रोज किसान और मजदूर विरोधी फैसले लेकर हमारे सब्र का इम्तिहान ले रही है। उन्होंने कहा कि जब तक तीनों काले कानून रद्द नहीं होते और एमएसपी की गारंटी नहीं मिलती हमारा शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रहेगा।
‘खरीफ की फसलों के दाम में बढ़ोतरी नाकाफी’
रोहतक (हप्र) : अखिल भारतीय किसान सभा ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया और गत दिवस खरीफ की फसल पर की गई बढोतरी को मामूली बताया है। जिला प्रधान प्रीत सिंह व जिला सचिव सुमित दलाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 2021.22 के खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में बढोतरी से किसानों के कोई भला नहीं होने वाला क्योंकि सरकार की नीतियों की वजह से फसलों की लागत में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। खाद-बीज, दवाई, डीजल आदि की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। किसान स्वामीनाथ आयोग की और सी 2 फार्मूला की सिफारिशों के हिसाब से लागत का डेढ़ गुना दाम एमएसपी निर्धारण की मांग कर रहे हैं। किसानों की मांग के हिसाब से धान रेट 2,590 होना चाहिए जबकि सरकार 1,940 दे रही है। इसी तरह ज्वार का 2,738 दे रही है जबकि मिलना चहिए 3,717, इसमें भी 979 का घाटा है, इसलिए यह बढोतरी मात्र दिखावा भर है। इससे किसानों को कोई लाभ नहीं होगा।
किसान सभा जिला कमेटी की बैठक में वर्तमान किसान आंदोलन के तहत दिल्ली के बॉर्डर पर लगे हुए मोर्चों को मजबूत करने का फैसला किया गया व इसके लिए बॉर्डर पर बाइक यात्रा निकालते हुए संख्या बढ़ाने का निर्णय हुआ। जिला प्रधान प्रीत सिंह ने कहा कि पिछले 2 महीने से ज्यादा समय की किसानों का गन्ने का भुगतान बकाया है। किसान सभा ने गन्ने का भुगतान करने, ड्रेनों की सफाई, प्राकृतिक आपदा का मुआवजा जल्द वितरित करने, ड्राॅ के तहत निकलने वाले बकाया ट्रैक्टरों का मामला जल्द हल आदि की मांग की। बैठक में बलवान सिंह, कैप्टन शमसेर मलिक, सुनील मलिक, वेदपाल, सत्यनारायण हूडा, उमेद सिंह, खेमचंद, अशोक राठी और बलबीर बल्हारा शामिल रहे।