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अढ़ाई कोसी परिक्रमा पारंपरिक विधाओं को कर रही पुनर्जीवित: मुंढ़ालिया

भिवानी में निकली 41 दिवसीय परिक्रमा बनी आस्था और एकता की मिसाल
भिवानी में महंत चरणदास महाराज का स्वागत करते व्यापारी। - हप्र
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भिवानी, 11 मई (हप्र)

वृंदावन, मथुरा और बरसाना जैसी पावन धार्मिक नगरियों में परंपरागत रूप से आयोजित होने वाली कोसी परिक्रमा की तर्ज पर इस बार छोटी काशी भिवानी में 41 दिवसीय अढ़ाई कोसी परिक्रमा हनुमान जोहड़ी मंदिर धाम व युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा बालयोगी महंत चरणदास महाराज के नेतृत्व में निकाली जा रही है।

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परिक्रमा की शुरूआत हनुमान जन्मोत्सव से शुरू की गई थी। विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं व्यापारियों ने हांसी गेट पर महंत चरणदास महाराज का स्वागत किया। इसके बाद प्रसाद वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर स्वदेशी जागरण मंच से अमित बंसल मुंढ़ालिया ने कहा कि इस परिक्रमा ने ना केवल धार्मिक भावनाओं को प्रकट किया है, बल्कि लोक संस्कृति, भजन-कीर्तन, रासलीला और शंख ध्वनि जैसी पारंपरिक विधाओं को भी पुनर्जीवित किया है।

यह परिक्रमा एकता और भाईचारे का जीवंत उदाहरण बन चुकी है। उन्होंने कहा कि यह परिक्रमा ना केवल एक धार्मिक अनुष्ठान, बल्कि आस्था, सेवा व समाज के सामूहिक प्रयासों की सुंदर झलक भी प्रस्तुत करती है। इस मौके पर व्यापारी दीवाकर जैन ने कहा कि यह 41 दिवसीय परिक्रमा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और मानवीय मूल्यों की पुन: स्थापना का सशक्त माध्यम बन गई है।

बालयोगी महंत चरणदास महाराज ने कहा इस परिक्रमा के प्रति रोजाना भारी तादात में श्रद्धालुगण अपनी आस्था प्रकट कर रहे है। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान रोजाना छोटी काशी के सभी 12 ऐतिहासिक दरवाजों के अलावा सभी मंदिरों के दर्शन किए जा रहे है, जिसमें श्रद्धालुगण भारी तादात में अपनी आस्था प्रकट कर रहे है।

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