चंडीगढ़, 29 सितंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब विधानसभा में विशेष सत्र के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने हंगामा कर दिया जिस कारण कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। उधर भाजपा ने सत्र के दौरान अलोकतांत्रिक कार्यवाही करने का आरोप लगाते हुए पूरे सत्र के लिए सदन का बहिष्कार कर दिया है।
सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे शुरू हुई तो लाल रंग के चोले पहनकर आए कांग्रेस विधायकों ने हंगामा कर दिया। इनकी मांग थी कैबिनेट मंत्री फौजा सिंह सरारी के खिलाफ कार्रवाई। सरारी की एक ऑडियो वायरल होने के मामले में कांग्रेस ने सरकार को घेरा। स्पीकर कुलतार सिंह संधवा के बार-बार आग्रह के बावजूद कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। विपक्ष की नारेबाजी के बीच सदन में शून्यकाल के दौरान कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा चलती रही।
इस बीच, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा को आमने-सामने बात करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि परालीे, बिजली और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनसे आंख मिलाकर बात करें। चीमा ने कहा कि कांग्रेसी आज भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक सरारी के आडियो पर सीएम के बयान की मांग कर रहे थे। हंगामे के दौरान मुख्यमंत्री सदन में नहीं थे। स्पीकर ने कहा कि सीएम को आने दें। इस पर कांग्रेस विधायक सीटों से उठ गए और वेल में आ गये।
इस पूरे हंगामे के दौरान सरारी सदन के भीतर ही थे। कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री साफ कर चुके हैं कि सरारी को नोटिस जारी किया जा चुका है। इस बीच शून्यकाल के दौरान स्पीकर ने कई विधायकों को बोलने का मौका दिया लेकिन अकाली दल के विधायक डा. सुखविंदर सुक्खी को समय नहीं मिलने पर शिअद ने सदन से वाकआउट किया।