चंडीगढ़, 27 जुलाई (ट्रिन्यू)
ट्रांस फैट सर्विलांस पर जिला स्तरीय नामित अधिकारियों और खाद्य सुरक्षा अधिकारियों (एफएसओ) की क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन संयुक्त रूप से पीजीआईएमईआर के सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल, सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा एवं अनुसंधान के सामरिक संस्थान (सिफर) चंडीगढ़ तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग पंजाब द्वारा स्टेट एफडीए लैब में किया गया। इस अवसर पर पीजीआई द्वारा पंजाब के साथ कार्यान्वित की जा रही उच्च रक्तचाप परियोजना के पहले चरण की रिपोर्ट भी जारी की गयी। बैठक में पंजाब के विभिन्न जिलों के 62 अधिकारियों ने भाग लिया। कार्यशाला के दौरान राज्य में ट्रांस फैट सर्विलांस का भी शुभारंभ हुआ, जिसमें प्रत्येक खाद्य सुरक्षा अधिकारी (एफएसओ) अपने अधिकार क्षेत्र से कुछ नमूने एकत्र करेगा और उन्हें ट्रांस-फैट के विश्लेषण हेतु राज्य प्रयोगशाला में भेजेगा।
पंजाब के एफडीए आयुक्त राहुल कुमार ने कहा, ‘खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए), पंजाब सरकार और स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) चंडीगढ़ ने विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की पूर्व संध्या पर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं। पंजाब राज्य में ट्रांस फैट रेगुलेशन के कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए यह अपनी तरह की अनूठी पहल है जहां किसी भी राज्य सरकार ने ट्रांस-फैट से संबंधित गतिविधियों पर संयुक्त रूप से काम करने के लिए देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान के साथ सहयोग किया है। टाई-अप का उद्देश्य ‘तंदरुस्त पंजाब’ उद्देश्य को प्राप्त करना है।’
सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल, पीजीआई चंडीगढ़ की प्रोफेसर और प्रोजेक्ट की प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर डॉ. सोनू गोयल ने कहा, ‘पंजाब राज्य में ट्रांस फैट का अत्यधिक उपयोग गैर-संचारी रोगों के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है, विशेष रूप से उच्च रक्तचाप। यानी ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक बड़ा कारण हमारे खाने में ट्रांस फैट का होना ही है। ब्लड प्रेशर से ही अन्य रोग शरीर में पलते-बढ़ते हैं। यह वर्कशॉप सही समय पर और जरूरत के मुताबिक रही और पंजाब में ट्रांस फैट रेगुलेशन के 2 प्रतिशत लक्ष्य को हासिल करने में सहायक होगी, जिससे ट्रांस फैट रेगुलेशन के मामले में पंजाब को भारत के कई राज्यों की तुलना मेंं बढ़त मिलेगी।’ उन्होंने सभी हितधारकों के लिए लाभ हेतु खाद्य व्यवसाय ऑपरेटरों के साथ भी एक कार्यशाला करने का सुझाव दिया।
डिपार्टमेंट ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन एंड स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ, पीजीआई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूनम खन्ना ने कहा कि पंजाब राज्य में क्षमता निर्माण और ट्रांस फैट सर्विलांस की सुविधा के लिए पीजीआईएमईआर प्रशिक्षण के मामले में भागीदार रहेगा। उन्होंने राज्य प्रयोगशाला की एनएबीएल मान्यता को समर्थन देने का प्रस्ताव भी रखा।
रिफाइंड तेल बनाने वाले उद्योगों की मैपिंग में मदद करेगा सिफर : डॉ. राकेश गुप्ता
सिफर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने पंजाब सरकार और पीजीआई के संयुक्त प्रयासों की सराहना की और कहा कि सिफर हाइड्रोजनीकृत रिफाइंड तेलों के निर्माण में शामिल उद्योगों की मैपिंग और लिस्टिंग में तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। एफडीए पंजाब के संयुक्त आयुक्त मनोज खोसला ने पंजाब राज्य में ट्रांस फैट रेगुलेशन को आगे बढ़ाने की इस पहल के लिए पीजीआई टीम की सराहना की। उन्होंने ट्रांस फैट रेगुलेशन के लिए रणनीतिक कार्य योजना प्रस्तुत की। प्रस्तावित कार्य योजना के संबंध में विचार-विमर्श भी किया गया। वर्कशॉप के दौरान सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल, पीजीआई द्वारा नवंबर 2020 में शुरू किए गए ट्रांस फैट फ्री दिवाली अभियान पर एक डॉक्यूमेंट्री दिखायी गयी। अभियान को स्वर्गीय मिल्खा सिंह जैसी कुछ लोकप्रिय हस्तियों और खिलाडिय़ों का समर्थन प्राप्त था।