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निलंबित डीआईजी भुल्लर 14 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में

सीबीआई ने नहीं मांगा रिमांड, बचाव पक्ष ने कोर्ट में कहा- संपत्ति नौकरी से पहले की और पुश्तैनी है
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भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार और निलंबित किए गए पंजाब के डीआईजी एचएस भुल्लर को शुक्रवार को अदालत ने 14 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सीबीआई ने भुल्लर का रिमांड बढ़ाने की मांग नहीं की, जिसके बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया। भुल्लर की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करवाई गई।सीबीआई ने 16 अक्तूबर को भुल्लर को रिश्वत लेते हुए रंगे-हाथों गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने उनके आवास पर करीब 21 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाया। इसमें 7 करोड़ 36 लाख 50 हजार रुपये नकद, लगभग 2 करोड़ 32 लाख रुपए मूल्य के सोने-चांदी के गहने और 26 महंगी ब्रांडेड घड़ियां बरामद की गई थीं।

इस कार्रवाई के बाद सीबीआई ने भुल्लर के कथित बिचौलिये कृष्णु को भी हिरासत में लिया था, जो फिलहाल सीबीआई रिमांड पर है। शुक्रवार को अदालत में पेशी के दौरान सीबीआई ने भुल्लर का रिमांड नहीं मांगा, बल्कि न्यायिक हिरासत की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। अब भुल्लर को 14 नवंबर को दोबारा सीबीआई कोर्ट में पेश किया जाएगा।

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संपत्ति पुश्तैनी और नौकरी से पहले की

भुल्लर के वकील एचएस धनोआ ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ गलत तथ्य सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे हैं। उन्होंने अदालत से सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही झूठी जानकारियों को नियंत्रित करने की अपील भी की। धनोआ ने कहा कि भुल्लर की सारी संपत्ति उनकी नौकरी शुरू होने से पहले की है और पुश्तैनी है। उन्होंने दावा किया कि समय आने पर सभी दस्तावेज और तथ्य अदालत में प्रस्तुत किए जाएंगे।

सीबीआई की जांच जारी

सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, भुल्लर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच जारी है। एजेंसी फिलहाल जप्त किए गए दस्तावेजों, नकदी और कीमती सामानों की जांच-पड़ताल कर रही है। भुल्लर की गिरफ्तारी ने पंजाब पुलिस विभाग में हलचल मचा दी है और मामले ने राज्य में उच्च अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

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