मोहाली (निस) : मोहाली की इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैहरा की जमानत याचिका खारिज कर दी है। मंगलवार को यहां की विशेष ईडी अदालत में सुनवाई दौरान सरकारी वकील व बचाव पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें रखी। सरकारी वकील ने तर्क रखा कि सुखपाल खैहरा पर जो आरोप लगे हैं वे काफी संगीन हैं, ऐसे आरोपों के तहत जमानत नहीं दी जानी चाहिए। वहीं बचाव पक्ष का वकील क्रॉस एग्जामिनेशन में अदालत को स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं कर पाए। दलीलें पूरी करने के बाद अदालत ने जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया। 11 नवंबर को ईडी ने खैरा को गिरफ्तार किया था और उसे मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं के तहत केंद्रीय जांच एजेंसी ने हिरासत में ले लिया था। 19 नवंबर को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।