भविष्य की ‘राह’ चुनने में विद्यार्थियों को मिलेगी मदद : बैंस : The Dainik Tribune

भविष्य की ‘राह’ चुनने में विद्यार्थियों को मिलेगी मदद : बैंस

तीन दिवसीय द ट्रिब्यून एजु-एक्सपो का पंजाब के शिक्षा मंत्री ने किया उद्घाटन

भविष्य की ‘राह’ चुनने में विद्यार्थियों को मिलेगी मदद : बैंस

शुक्रवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में ‘द ट्रिब्यून एजु-एक्सपो’ का उद्घाटन करने पहुंचे पंजाब के शिक्षा मंत्री सरदार हरजोत सिंह बैंस। साथ में हैं द ट्रिब्यून ग्रुप के कार्यवाहक महाप्रबंधक अमित शर्मा। -ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 26 मई (ट्रिन्यू)

सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में शुक्रवार को तीन दिवसीय ‘द ट्रिब्यून एजु-एक्सपो’ का आगाज हुआ। इसका उद्घाटन पंजाब स्कूल शिक्षा, हॉयर एजुकेशन एवं भाषा, तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने किया। उन्होंने कहा स्टूडेंट्स के सामने कई रास्ते होते हैं, उन्हें कई बार यह समझ नहीं आता कि इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, मेडिकल, आयुर्वेद, एग्रीकल्चर साइंस, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, स्पोर्ट्स, पैरामेडिकल, लॉ और अन्य विषयों से संबंधित कोर्सेस के अंडरग्रेजुएट, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व डिप्लोमा जैसे प्रोग्राम के लिए किस कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहिए। द ट्रिब्यून एजु-एक्सपो ऐसे विद्यार्थियों की भविष्य की राह चुनने में मददगार साबित होगा। विद्यार्थियों को यहां कॅरियर संवारने के ढेरों विकल्प मिलेंगे। उनकी कोर्स और कॉलेज चयन की चिंता भी दूर होगी। सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में चलने वाले इस एक्सपो में ट्राईसिटी के कई नामचीन एजुकेशन इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी भाग ले रही हैं। द ट्रिब्यून ग्रुप द्वारा किए जाने वाले इस आयोजन में चितकारा यूनिवर्सिटी मुख्य स्पांसर है। तीन दिन तक चलने वाले इस एक्सपो में सुबह 11 से शाम 7 बजे तक विद्यार्थी जानकारी ले सकते हैं। एजु-एक्सपो का सबसे अधिक फायदा उन विद्यार्थियों को मिलेगा, जो स्कूल से पास होने के बाद अब कॉलेज की तलाश कर रहे हैं।

साथ ही, कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके प्रोफेशनल स्टडीज आदि की तलाश कर रहे विद्यार्थियों की भी इसके जरिये काउंसलिंग हो सकेगी। एक्सपो में एंट्री फ्री रखी गई है। इससे पूर्व द ट्रिब्यून ग्रुप के आफिशिएटिंग जीएम अमित शर्मा ने 10वीं और 12वीं में 90 प्रतिशत से ऊपर अंक लेने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। द ट्रिब्यून एजु-एक्सपो में चितकारा यूनिवर्सिटी, एमिटी यूनिवर्सिटी, शूलिनी यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ ग्रुफ ऑफ कॉलेजिज, चंडीगढ़ विद्या ज्योति एजुवर्सिटी, गुरुकाशी यूनिवर्सिटी, आईसीएफएआई ग्रुप, नारायणा एजुकेशन इंस्टीट्यूट, सनराइज इंटरनेशनल, महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी, हिट बुल्सआई, डब्ल्यूडब्ल्यूआईसीएस, लीगल एज बॉय टॉप रैंकर्स, क्रॉस लैंड एजुकेशन एंड कॅरियर, ईएफओएस एडुमार्केटर्स प्रा. लि., लेमरिन टैक स्किल्स यूनिवर्सिटी पंजाब सहित कई नामी इंस्टीट्यूट इस आयोजन में भागीदार हैं। इसके अलावा छोटा बनारस फूड पार्टनर है।

सवालों ने किया हैरान, कांउसलरों ने किया समाधान

सुबह के 11 बजे। अचानक काफी संख्या में बच्चे द ट्रिब्यून एजु-एक्सपो में पहुंचते हैं। यहां उनकी निगाह नामचीन एजुकेशन इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी के स्टॉल पर जाती है। एक-एक कर बच्चे इन स्टॉल की तरफ बढ़ते हैं। फिर शुरू हो जाता है सवालों का सिलसिला। चितकारा यूनिवर्सिटी के स्टॉल पर पहुंची युवकित अपना कॅरियर मेडिकल में बनाना चाहती है। एडमिशन काउंसलर सौरव राणा से छात्रा युवकित ने पूछा कि वह डॉक्टर बनना चाहती हैं। किसी वजह से वह डॉक्टर नहीं बन पाई तो मेडिकल क्षेत्र में जाने के लिए उसके पास क्या-क्या विकल्प होंगे। छात्रा ने एक-एक करके अपनी सारी शंकाएं दूर की। कुछ बच्चों ने डिजाइनिंग कोर्सिस तो कुछ ने कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनने में दिलचस्पी दिखाई। शूलिनी यूनिवर्सिटी के स्टॉल पर एक साथ बच्चों का ग्रुप पहुंचा। यहां मौजूद यूनिवर्सिटी की ट्रस्टी निष्ठा शुक्ला आनंद और उनके स्टॉफ ने बच्चों के एक-एक सवाल का जवाब दिया। निष्ठा शुक्ला ने बताया कि इतनी कम उम्र में बच्चे अपने कॅरियर के प्रति काफी गंभीर हैं। उनके सवालों और जवाबों से पता चलता है कि उन्हें यह अच्छे से पता है कि उन्हें क्या करना है, कैसे करना है। चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कालेजिज के स्टॉल पर बच्चों ने आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस के बारे जाना। यहां मौजूद मार्केटिंग और एडमिशन ब्रांच के माधव ने बताया कि बच्चों ने पूछा कि यदि वो आईआईटी करना चाहते हैं। यदि वो नीट का एग्जाम पास नहीं कर पाते तो उनका बैकअप क्या होगा? कुछ बच्चों ने मेडिकल क्षेत्र में अन्य विकल्पों के बारे जानकारी ली। एमिटी यूनिवर्सिटी के स्टॉल पर सहायक मैनेजर मार्केटिंग एवं एडमिशन चेतन शर्मा ने बच्चों के सवालों के जवाब दिए। कुछ बच्चे साइकोलॉजी में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं। शर्मा ने बताया कि बच्चे अपने भविष्य के प्रति काफी जागरूक हैं और उनकी हर जिज्ञासा को उन्होंने अच्छे से शांत किया है।

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