चंडीगढ़, 24 मार्च (निस)
कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने बृहस्पतिवार को पंजाब के उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिन्होंने मुख्यमंत्री से यह तथ्य ‘छिपाया’ कि विधानसभा परिसर में प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल में संपन्न विधानसभा सत्र में घोषणा की थी कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह, डॉ. भीमराव आम्बेडकर और पहले सिख शासक महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा विधानसभा परिसर में लगाई जाएगी। सदन ने इस संबंध में 22 मार्च को प्रस्ताव पारित किया गया था। उन्होंने बयान में कहा, ‘विधानसभा चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स का हिस्सा है जो यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शामिल है। इसलिए इमारत में कोई भी बदलाव सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बाद ही की जा सकती है।’ बाजवा ने कहा कि शहर के वास्तुकार ली कॉर्बुजिए द्वारा लिखे चंडीगढ़ आदेश के मुताबिक यहां प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती। उन्होंने कहा,‘यह तथ्य विधायक को स्थिति की सही जानकारी देने के दौरान संज्ञान में नहीं लाई गई। 22 मार्च को इस संबंध में पेश प्रस्ताव में सरकार ने सदन के सभी विधायकों को भ्रमित किया। जिससे हम सभी के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हुई।’
बाजवा ने बताया कि इसी तरह का प्रस्ताव वर्ष 2016 में भी केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने खारिज कर दिया था।