चंडीगढ़/मोहाली, 24 मई (ट्रिन्यू/निस)
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विजिलेंस ब्यूरो ने मामला दर्ज कर सिंगला और उनके ओएसडी प्रदीप कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
मोहाली की अदालत ने दोनों को 27 मई तक रिमांड पर भेज दिया है। अदालत से बाहर आते समय सिंगला ने मीडिया से कहा कि यह आम आदमी पार्टी और मान सरकार को बदनाम करने की बड़ी साजिश है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा, मेरे संज्ञान में आया था कि स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला विभाग में होने वाली खरीद-फरोख्त व टेंडरों में एक प्रतिशत कमीशन मांग रहे थे। जांच करवाई तो आरोप सही साबित हुए। मंत्री को बुलाकर पूछताछ की तो उन्हाेंने गुनाह कबूल कर लिया। पंजाब में यह पहला मौका है जब किसी मंत्री को भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत इस तरह मंत्री पद से हटाया गया। सिंगला इस पद पर दो महीने ही रहे। मंत्रिमंडल का गठन 19 मार्च को किया गया था।
7 साल से आप में : पेशे से दंत चिकित्सक विजय सिंगला राजनीति में आने से पहले अपना क्लीनिक चलाते रहे हैं। करीब सात साल पहले वह आप में शामिल हुए थे।
सिद्धू मूसेवाला ने कसा तंज : मानसा विधानसभा क्षेत्र से विजय सिंगला ने कांग्रेस प्रत्याशी एवं गायक सिद्धू मूसेवाला को करीब 63 हजार वोटों से हराया था। सिंगला की गिरफ्तारी के बाद सिद्धू मूसेवाला ने ट्वीट किया, ‘बाबा कहंदा सी, वेखी चल मरदानया रंग करतार दे, आपे मर जांदे जेहड़े दूजयां नूं मारदे।’ उन्होंने सिंगला द्वारा चुनाव परिणाम के बाद निकाले गए विजय जलूस की वीडियो भी पोस्ट की।
पहले स्टिंग ऑपरेशन, फिर एक्शन
मुख्यमंत्री ने सिंगला को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने से पहले स्टिंग आॅपरेशन करवाया। जानकारी के अनुसार, एक अधिकारी ने करीब दस दिन पहले सीएम को बताया था कि स्वास्थ्य मंत्री व उनके करीबी एक प्रतिशत कमीशन मांग रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उस अधिकारी की सहायता से स्टिंग ऑपरेशन करवाया। रिकॉर्डिंग व सबूत मिलने के बाद स्वास्थ्य मंत्री को तलब किया, वहा मंत्री ने गलती स्वीकार कर ली। इसके बाद मान ने आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से बात की। सिंगला की बर्खास्तगी पर मुहर रविवार को केजरीवाल के चंडीगढ़ दौरे के दौरान लग चुकी थी।
ओएसडी ने पंजाब भवन में मांगी थी रिश्वत
विजय सिंगला के खिलाफ मोहाली के फेज-8 पुलिस थाने में मंगलवार सुबह 11.30 बजे केस दर्ज किया गया, जबकि मुख्यमंत्री ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का ऐलान दोपहर करीब 1.30 बजे किया। लोक निर्माण विभाग के एसई राजिंदर सिंह ने एफआईआर में कहा है कि करीब 58 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों की अलाॅटमेंट के सिलसिले में उन्हें एक माह पहले चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन के कमरा नंबर 203 में बुलाया गया। वह पहुंचे तो सिंगला ने कहा कि उन्हें किसी कार्यक्रम में जाना है, उनके ओएसडी प्रदीप कुमार से बात करें, प्रदीप जैसे कहते हैं वैसे कर लें। शिकायत के अनुसार, ओएसडी प्रदीप ने मंत्री का हवाला देकर वर्क अलाॅटमेंट की एवज में दो प्रतिशत राशि मांगी। यह करीब 1.16 करोड़ रुपये बनती है। राजिंदर के अनुसार उन्होंने जब इनकार कर दिया तो प्रदीप ने 8 मई से लगातार उन्हें फोन करके कहा कि वह एक प्रतिशत कमीशन दे सकते हैं। राजिंदर के अनुसार प्रदीप ने उन्हें बार-बार धमकाया।