Punjab Economy 29वां वार्षिक सम्मेलन : पंजाबी विश्वविद्यालय में अर्थव्यवस्था पर गहन मंथन
Punjab Economy पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में इंडियन पॉलिटिकल इकोनॉमी एसोसिएशन (आई.ई.पी.ए.) का 29वां वार्षिक सम्मेलन सार्थक विमर्श और गहन विचार-विनिमय के साथ संपन्न हुआ। सम्मेलन के अंतिम दिन आयोजित विशेष सत्र ‘पंजाब की अर्थव्यवस्था के वर्तमान मुद्दे’ में कुलपति डॉ....
Punjab Economy पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में इंडियन पॉलिटिकल इकोनॉमी एसोसिएशन (आई.ई.पी.ए.) का 29वां वार्षिक सम्मेलन सार्थक विमर्श और गहन विचार-विनिमय के साथ संपन्न हुआ। सम्मेलन के अंतिम दिन आयोजित विशेष सत्र ‘पंजाब की अर्थव्यवस्था के वर्तमान मुद्दे’ में कुलपति डॉ. जगदीप सिंह ने हरित क्रांति के योगदान, शिक्षा क्षेत्र की वित्तीय चुनौतियों और राज्य की आर्थिक दिशा पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि पंजाब की अर्थव्यवस्था को स्थायी विकास के लिए शिक्षा, कृषि और अनुसंधान के त्रिकोणीय सहयोग की आवश्यकता है।
विभागाध्यक्ष प्रो. जसदीप सिंह तूर की संयोजकता में हुए इस सम्मेलन का संचालन आयोजन सचिव डॉ. सरबजीत सिंह ने किया। देशभर से आए प्राध्यापकों और शोधार्थियों ने इसमें भाग लेकर पंजाब सहित भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़े विविध विषयों पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए।
समापन सत्र में भारतीय सांख्यिकीय संस्थान, बेंगलुरु की प्रो. मधुरा स्वामीनाथन ने कृषि क्षेत्र में गहराते आर्थिक संकट और खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि छोटे किसानों की बदहाली केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक संकट भी है, जो सीधे तौर पर देश की खाद्य सुरक्षा को प्रभावित करता है।
मुख्य वक्ता का परिचय आई.ई.पी.ए. सिग्नेटरी प्रो. बलविंदर सिंह टिवाणा ने कराया और पंजाब की कृषि व औद्योगिक अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर महत्वपूर्ण तथ्य साझा किए।
अकादमिक सत्रों में डॉ. हरबंस सिंह सिद्धू, डॉ. अमरजीत सिंह सिद्धू, डॉ. ज्ञान सिंह और डॉ. शरणजीत सिंह ढिल्लों जैसे वरिष्ठ अर्थशास्त्रियों ने पंजाब की सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों और उनके व्यावहारिक समाधानों पर अपने विचार रखे। डॉ. हरबंस सिंह सिद्धू ने कहा कि यह चर्चा उस दिन हो रही है जब पंजाब राज्य पुनर्गठन दिवस मनाया जा रहा है, जो आर्थिक आत्ममंथन के लिए भी एक प्रतीकात्मक अवसर है।

